विद्यालयों के निरीक्षण में अब बच्चों का होगा स्पॉट एसेसमेंट
परिषदीय स्कूलों में शैक्षिक सुधार के लिए विकासखंड स्तर पर तैनात एआरपी को अपने क्षेत्र के दस विद्यालयों, एसआरजी को एक विद्यालय एवं शिक्षक संकुल को एक विद्यालय को निपुण विद्यालय के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए गए हैं।

- निपुण लक्ष्य ऐप के माध्यम से कक्षा 1 से 3 के 3-5 बच्चों का करना होगा स्पॉट एसेसमेंट
अमन यात्रा, कानपुर देहात। परिषदीय स्कूलों में शैक्षिक सुधार के लिए विकासखंड स्तर पर तैनात एआरपी को अपने क्षेत्र के दस विद्यालयों, एसआरजी को एक विद्यालय एवं शिक्षक संकुल को एक विद्यालय को निपुण विद्यालय के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए तय मानकों को उन्हें दिसंबर 2023 तक पूरा करना होगा।
इसके लिए महानिदेशक विजय किरन आनंद ने सभी जनपदों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए हैं। निपुण
विद्यालय बनाने हेतु विद्यालय के प्रत्येक बच्चे के अधिगम स्तर पर शिक्षकों द्वारा नियमित रूप से ध्यान देने एवं आवश्यकतानुसार उन्हें कक्षानुरूप अधिगम लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करने के निर्देश दिए गए हैं। रचनात्मक आकलन से प्राप्त परिणामों के आधार पर शिक्षक प्रत्येक बच्चे के लिए विशिष्ट अधिगम योजना बनायें तथा उसे क्रियान्वित करें।
बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धी पाण्डेय ने बताया कि शिक्षकों को सहयोग प्रदान करना सहयोगात्मक पर्यवेक्षण के अन्तर्गत एक महत्वपूर्ण कार्य है। अतः समस्त एसआरजी, एआरपी एवं डायट मेंटर्स द्वारा सहयोगात्मक पर्यवेक्षण के दौरान न्यूनतम 3 से 5 बच्चों का निपुण लक्ष्य ऐप के माध्यम से स्पॉट एसेसमेंट किया जाय। प्राथमिक विद्यालयों / कम्पोजिट विद्यालयों में सहयोगात्मक पर्यवेक्षण के दौरान कक्षा 1 से 3 के 3-5 बच्चों का निपुण लक्ष्य ऐप के माध्यम से स्पॉट असेसमेंट अवश्य किया जाय। स्पॉट असेसमेंट से प्राप्त परिणामों के अनुसार बच्चों के अधिगम स्तर की जानकारी के संबंध में शिक्षकों से नियमित चर्चा करे तथा यथावश्यकतानुसार समर्थन प्रदान करते हुये शैक्षणिक कार्ययोजना तैयार करने में शिक्षकों की मदद करें जिससे निपुण लक्ष्य को सुगमता से पूर्ण किया जा सके।
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