हां, मैंने गांधी जी को देखा है, मेरठ के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अमरनाथ गुप्ता ने साझा की यादें
आज महात्मा गांधी जी की जयंती है। मेरठ में गांधी जी दो बार आए थे। उन्होंने मेरठ में जो कुछ किया वह इतिहास के पन्नों में भी दर्ज है। इसके साथ ही कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने गांधी जी को करीब से देखा।
मेरठ, अमन यात्रा । Mahatma Gandhi आज महात्मा गांधी जी की जयंती है। मेरठ में गांधी जी दो बार आए थे। उन्होंने मेरठ में जो कुछ किया वह इतिहास के पन्नों में भी दर्ज है। इसके साथ ही कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने गांधी जी को करीब से देखा। आज ऐसे लोग भी शहर में हैं। जिनकी यादों में गांधी जी हैं। जिन्हें वह आज तक नहीं भूल पाए हैं। उसमें से एक हैं सदर में रहने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अमरनाथ गुप्ता। जिनकी उम्र करीब 95 साल हो गई है।
यादें ताजा
अमरनाथ पुरानी यादों को ताजा करते हुए बताते हैं कि गांधी जी मेरठ में दो बार आए थे। उनका स्वभाव संत की तरह था। अमरनाथ गुप्ता गांधी जी से मिलकर इतने प्रभावित हुए हैं कि अक्सर दिल्ली जाकर उनके प्रार्थना सभा में शामिल भी होते थे। वे सारे अनुभव आज भी उनके जहन में है।
यह भी बताया
अमरनाथ आगे बताते हैं कि गांधी जी से वह दो बार मेरठ में ही मिले थे। पहली बार वह बच्चा पार्क में पंडित रामस्वरूप शर्मा के घर आए थे। तब मिले थे। दूसरी बार बुढ़ाना गेट स्थित रामकृपाल सिंह के घर मिले थे। वह बताते हैं कि गांधी जी का व्यक्तित्व जितना विशाल था, उससे अधिक उनका स्वभाव सरल था। वह सभी से बहुत आत्मीयता से मिलते थे। मेरठ के टाउनहाल में गांधीजी का कार्यक्रम था। उसमें पूरा शहर उमड़ पड़ा था। अमरनाथ बताते हैं कि भीड़ इतनी थी, कि वह गांधी जी के पास नहीं जा पाए। फिर दिल्ली में बिरला हाउस जाकर गांधी जी से मुलाकात की थी। अमरनाथ बताते हैं कि गांधीजी के सचिव प्यारेलाल से उनका सीधा संपर्क रहता था।
अंग्रेजों के झंडे को उखाड़ा था
सदर में रहने वाले अमरनाथ गुप्ता ने नौ अगस्त 1942 में सीएबी स्कूल में लगे अंग्रेजों के झंडे को उखाड़ फेंका था। उस समय वह 14 साल के थे। झंडा उखाड़ने की वजह से उन्हें सीएबी स्कूल से निष्कासित कर दिया गया। 1946 तक उन्हें किसी भी स्कूल में प्रवेश नहीं मिल पाया था। चार साल तक वह स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के साथ जुड़े रहे। अमरनाथ बताते हैं कि देश आजाद हुआ तो उन्हें स्कूल में प्रवेश मिला था।