प्रयागराज

हाथरस केस: पीड़ित परिवार की तरफ से दाखिल अर्जी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी, जजमेंट रिजर्व

यूपी सरकार ने किया विरोध
यूपी सरकार ने अर्जी का विरोध किया. सरकार की तरफ से कहा गया कि परिवार को अवैध रूप से बंदी नहीं बनाया गया है. परिवार के लोग जहां जाना चाहें और जिससे मिलना चाहें उनसे मिल भी सकते हैं और बात भी कर सकता हैं.

कोर्ट में दिया सहमति पत्र
सरकार ने परिवार का एक सहमति पत्र भी कोर्ट में दिया, जिसमें परिवार के लोगों ने कोई दिक्कत नहीं होने की बात कही है. जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर और जस्टिस प्रकाश पाडिया की डिवीजन बेंच में सुनवाई के दौरान अदालत का सबसे ज्यादा फोकस दिल्ली जाने की इजाजत दिए जाने पर रहा. पीड़ित परिवार के छह सदस्यों और अखिल भारतीय वाल्मीकि महापंचायत के राष्ट्रीय महामंत्री सुरेंद्र कुमार चौधरी ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की थी.

करीब एक घंटे तक हुई सुनवाई
मृतक लड़की के पिता, मां, दादी, दो भाई और भाभी के साथ ही सुरेंद्र कुमार ने अर्जी दाखिल की थी. अर्जी में पीड़ित परिवार के बड़े लड़के ने सुरेंद्र कुमार और वाट्सएप कर हाईकोर्ट से मदद कराए जाने की गुहार लगाई थी. करीब एक घंटे तक मामले को लेकर कोर्ट में सुनवाई हुई. याचिकाकर्ताओं की तरफ से ओपन कोर्ट में काशिफ रिजवी और जान अब्बास ने पक्ष रखा, जबकि सुप्रीम कोर्ट के वकील महमूद प्राचा वीडियो कांफ्रेंसिंग से जुड़े थे. यूपी सरकार की तरफ से एडिशनल एडवोकेट जनरल मनीष गोयल ने पक्ष रखा.

AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

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