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अमन यात्रा, कानपुर देहात। वर्ष 1969 से लगातार हिंदी भाषा तथा हिन्दी साहित्य को बढ़ावा देने हेतु बिहार के भागलपुर में स्थापित विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ सक्रिय रूप से कार्यरत है। विश्वविद्यालय द्वारा समय-समय पर पूरे देश के हिंदी तथा अहिंदी भाषी राज्यों में हिंदी भाषा का प्रचार-प्रसार करने तथा अपनी लेखनी के माध्यम से हिंदी साहित्य को नया आयाम प्रदान करने वाले साहित्यकारों को साहित्य की विभिन्न महत्वपूर्ण उपाधियों से विभूषित किया जाता है। विद्यापीठ भारतीय अधिनियम के अंतर्गत निबंधित तथा एक मात्र लक्ष्य हिंदी भाषा का प्रचार एवं प्रसार बनाए हुए है। समस्त भारत में विद्यापीठ के द्वारा हिंदी साहित्य, दर्शन, कला संस्कृति को बढ़ावा देने हेतु अनेकों प्रयास किये जा रहे हैं। इसी क्रम में विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ भागलपुर मे हिंदी साहित्य सम्मेलन और मानद उपाधि वितरण समारोह का आयोजन 7 नवम्बर 2023 को किया जा रहा है। अखिल भारतीय साहित्य परिषद का प्रशिक्षण वर्ग परिषद के कानपुर देहात के अध्यक्ष एवं संयोजक राजेश शर्मा द्वारा विगत माह केंद्रीय विद्यालय माती मे सम्पादित किया गया था जिसमें विभिन्न विश्विद्यालयो के मा. कुलपतियों की गरिमामई उपस्थिति में प्रदेश में हिंदी साहित्य को बढ़ावा देने तथा गैर हिंदी राज्यों में हिंदी भाषा का प्रचार प्रसार किए जाने वाले अभूतपूर्व व जमीनी स्तर पर किए गए कार्यों को दृष्टिगत रखने के साथ ही साहित्य सृजनकार, अनूप कुमार के सहयोग से वसुंधरा नाम से पुस्तक लिखी गई जिसकी पाण्डुलिप 15 हिन्दी संस्थान मे भेजी गई। जिस पर भागलपुर बिहार की विक्रमशिला हिंदी विद्या पीठ के कुलपति डा.संभाजी बाविस्कर ने उस कृति और हिंदी के शोध पत्र तथा पुस्तक आदि का गंभीरता से अवलोकन किया। उन्होंने उक्त कृति को वास्तविक रूप प्रदान करने वाले सभी सहयोगियों का विवरण माँगा। हिन्दी पखवाड़ा के मध्य विद्यापीठ के सदस्य डॉ आदित्य कटियार द्वारा सूचना प्रदान की गई कि अनूप कुमार के साथ ही संयोजक राजेश कुमार, अरविन्द कुमार राय, सुमन कुमार तथा रीना कटियार को आगामी 7 नवंबर 2023 को विश्विद्यालय में आयोजित दीक्षांत समारोह में जनपद के पांच साहित्यकारों को साहित्य की महत्वपूर्ण मानद उपाधि विद्या वाचस्पति उपाधि से अलंकृत किया जायेगा। ज्ञात हो कि शिक्षा और साहित्य का प्रचार प्रसार अहिंदी राज्यों मे हिंदी का प्रचार उत्तर प्रदेश मे प्रति वर्ष साहित्य के क्षेत्र में किए गए योगदान को ध्यान मे रखकर जनपद की विभूतियों को यह उपाधि तथा सम्मान प्रदान किया जा रहा है।
बताते चलें विद्या वाचस्पति की उपाधि डॉक्टरेट के समकक्ष मानी जाती है। यह उपाधि साहित्य के क्षेत्र में बेहतर और उल्लेखनीय कार्यों के लिए दी जाती है। देश में भागलपुर स्थित विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ एकमात्र ऐसी संस्था है जो विद्या वाचस्पति की मानद उपाधि प्रदान करती है।
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