वैज्ञानिकों-गणितज्ञों के बारे में जानेंगे परिषदीय स्कूलों के छात्र, अंधविश्वासों से मिलेगी निजात
राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा विजय किरन आनंद की अनुमति मिलने के बाद पुस्तक निर्माण के लिए कार्यशाला शुरू करने की तैयारी है। उम्मीद है कि अगले सत्र से पुस्तक बच्चों के अध्ययन के लिए उपलब्ध होगी।

अमन यात्रा, कानपुर देहात। राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा विजय किरन आनंद की अनुमति मिलने के बाद पुस्तक निर्माण के लिए कार्यशाला शुरू करने की तैयारी है। उम्मीद है कि अगले सत्र से पुस्तक बच्चों के अध्ययन के लिए उपलब्ध होगी।
परिषदीय स्कूल के बच्चों को महापुरुषों के बारे में पढ़ाया जाता है लेकिन महान वैज्ञानिकों और गणितज्ञों पर केंद्रित कोई अलग से पुस्तक नहीं है। अब इस पुस्तक के आने से लोगों में फैले अंधविश्वास को खत्म करने में सहायता मिलेगी।
महान गणितज्ञ और खगोल विज्ञानी आर्यभट्ट, खगोल विज्ञानी वराहमिहीर, शून्य की सबसे पहले व्याख्या करने वाले गुप्तकाल के महान गणितज्ञ ब्रह्मगुप्त और गणितज्ञ भास्कर जैसे प्राचीन काल के महान वैज्ञानिकों के साथ ही आधुनिक काल के श्रीनिवास रामानुजन, सीवी रमन, सत्येन्द्र नाथ बोस, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम आदि के विषय में बच्चों को पढ़ाया जाएगा। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि यह किताब सभी बच्चों को दी जाएगी या फिर स्कूल के रीडिंग कॉर्नर या लाइब्रेरी में अध्ययन के लिए सुलभ होगी। गौरतलब है कि यूपी बोर्ड ने इसी सत्र से कक्षा 9 से 12 तक की नैतिक, योग, खेल एवं शारीरिक शिक्षा की किताब में वीर विनायक दामोदर सावरकर समेत 50 महापुरुषों की जीवनगाथा को शामिल किया है।
अनिल भूषण चतुर्वेदी, निदेशक राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान का कहना है कि बेसिक स्कूल के बच्चों के लिए भारतीय वैज्ञानिकों और गणितज्ञों पर आधारित सप्लीमेंटरी पुस्तक बनाने की जिम्मेदारी मिली है। जल्द ही इसके लिए विषय विशेषज्ञों की कार्यशाला आयोजित की जाएगी।
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