हृदय स्वस्थ जीवन की चाबीः प्रो. विनय कृष्णा
हृदय को स्वस्थ रखनी पहली जिम्मेदारीः प्रो. सुधीर अवस्थी , सीएसजेएमयू में हृदयाघात से बचाव विषय पर विचार गोष्ठी आयोजित
अमन यात्रा , कानपुर। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय में मिशन शक्ति विश्वविद्यालय इकाई, राष्ट्रीय सेवा योजना तथा दीनदयाल शोध केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में हृदयाघात से बचाव विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। हृदय रोग संस्थान के निदेशक प्रो. विनय कृष्णा ने बतौर मुख्य अतिथि कहा कि हृदयाघात से बचाव के लिए हर व्यक्ति को स्वस्थ जीवनशैली अपनानी चाहिए, जिससे दिल ताउम्र स्वस्थ बना रहे। इसके लिए हमें अपने दिनचर्या में सही खान पान और एक्सरसाइज पर ध्यान देने की जरूरत है। तले-भुने भोजन से दूर रहना चाहिए। पूरी नींद लेनी चाहिए। इसके साथ ही चिंता और तनाव अपने जीवन से दूर भगाना होगा।
लवली प्रोफेशनल विश्वविद्यालय की सहायक आचार्य पूनम चतुर्वेदी ने हृदयाघात से बचाव के तरीकों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों का पास अपने लिए समय नहीं है, जिससे वे अपने शरीर पर अच्छे से ध्यान नहीं दे पाते, लेकिन अगर आप स्वस्थ नहीं तो आपके जीवन में धन और अन्य वस्तुओं का कोई महत्व नहीं रह जाएगा।
प्रति कुलपति एवं दीनदयाल शोध केंद्र के निदेशक प्रोफेसर सुधीर कुमार अवस्थी ने अपने विचार प्रस्तुत करते हुए जीवन विज्ञान के द्वारा हृदयाघात से बचाव पर कार्य योजना प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि हृदय हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका ख्याल रखना हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण कार्य होना चाहिए है। कार्यक्रम की संयोजिका डॉ अनुराधा कॉलानी ने कार्ययोजना प्रस्तुत करते हुए हृदयाघात के विषय में जानकारी की। जीवन विज्ञान विभाग के उपाचार्य डॉ. राजीव रंजन मिश्र ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर डॉ मनीष द्विवेदी, डॉ योगेंद्र पांडे, डॉ ओम शंकर गुप्ता, प्रेरणा शुक्ला, डॉ पूजा सिंह, प्रियांशु पांडे आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। कार्यक्रम में विभिन्न विश्वविद्यालयों से लगभग 200 प्रतिभागियों ने भाग लिया।