कानपुर

होटल, रेस्टोरेंट और दुकानों के लिए FSSAI अनिवार्य, पहली अक्टूबर से बिना पंजीयन नहीं बेच सकेंगे खाद्य पदार्थ

अगर आप खाने-पीने की कोई भी चीज बेचते हैं तो आपको अपने उत्पादन, इनवाइस, रसीद, डेबिट नोट, क्रेडिट नोट पर भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) का लाइसेंस नंबर प्रिंट करना अनिवार्य होगा। एक अक्टूबर से पंजीयन नंबर प्रिंट किए बिना माल नहीं बेच सकेंगे। होटल, रेस्टोरेंट, दुकानों के बाहर भी लाइसेंस नंबर लिखना होगा। इसे लेकर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने भी तैयारी शुरू कर दी है। उसने सभी कारोबारियों को इसके संबंध में आदेश भी जारी कर दिए हैं।

कानपुर, अमन यात्रा अगर आप खाने-पीने की कोई भी चीज बेचते हैं तो आपको अपने उत्पादन, इनवाइस, रसीद, डेबिट नोट, क्रेडिट नोट पर भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) का लाइसेंस नंबर प्रिंट करना अनिवार्य होगा। एक अक्टूबर से पंजीयन नंबर प्रिंट किए बिना माल नहीं बेच सकेंगे। होटल, रेस्टोरेंट, दुकानों के बाहर भी लाइसेंस नंबर लिखना होगा। इसे लेकर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने भी तैयारी शुरू कर दी है। उसने सभी कारोबारियों को इसके संबंध में आदेश भी जारी कर दिए हैं।

सामान्य तौर पर रेस्टोरेंट, दुकान से जो खाद्य पदार्थ बिकते हैैं, उसमें से बहुत से सामान पर ग्राहकों को यह नहीं समझ पाते हैैं कि अगर माल खराब निकला तो वह शिकायत कहां करें। ग्राहकों के अधिकार और मजबूत करने के लिए ही यह अनिवार्यता की जा रही है। इसके बाद भी अगर कोई दुकानदार ऐसी खाने-पीने की वस्तु बेचेगा, जिस पर उसकी निर्माता कंपनी का एफएसएसएआइ का पंजीयन नंबर नहीं है तो उस पर भी कार्रवाई हो जाएगी। ग्राहक वस्तु खराब निकलते ही एफएसएसएआइ की वेबसाइट पर जाकर उस पंजीयन नंबर को डालकर उसकी शिकायत कर सकेगा। जिन कारोबारियों की इनवाइस या अन्य कागजात कंप्यूटर सिस्टम से निकलते हैं तो उन्हें अपने साफ्टवेयर में संशोधन करना होगा। सरकारी पोर्टल पर यह अनिवार्यता नहीं रहेगी। यह व्यवस्था इसी सप्ताह शुरू होनी है लेकिन अभी तक चंद बड़े होटल व रेस्टोरेंट को छोड़कर किसी ने इसे लागू नहीं किया है।

 

ऐसे ले सकते लाइसेंस : वैसे तो खाने-पीने की कोई भी वस्तु बनाने से पहले एफएसएसएआइ का लाइसेंस लेना होता है। अगर इसके बाद भी किसी के पास लाइसेंस नहीं है तो वह इसके लिए एफएसएसएआइ की वेबसाइट पर आनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

इन पर पड़ेगा असर

-1,500 करीब छोटे, बड़े रेस्टोरेंट व होटल।

-5,000 करीब मिठाई की दुकान।

-1,000 करीब अलग-अलग तरह की नमकीन बनाने वाले कारोबारी।

-50 हजार से ज्यादा किराना की छोटी, बड़ी दुकानें शहर में।

-जो आदेश आया है, उसका पालन किया जाएगा। सभी सदस्यों को इसकी जानकारी दे दी गई है। सभी के पास लाइसेंस हैैं। उन्हें सिर्फ बिल और प्रतिष्ठान पर प्रिंट कराना है। राजकुमार भगतानी, महामंत्री कानपुर होटल, गेस्ट हाउस, स्वीट एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन

-खाने-पीने की वस्तुएं बेचने वाले दुकानदार एक अक्टूबर से बिना लाइसेंस नंबर के बिलिंग नहीं कर सकेंगे। अगर बिना लाइसेंस नंबर प्रिंट कराए वे माल बेचेंगे और बिल काटेंगे तो कार्यवाही की जाएगी। इसके लिए एक अक्टूबर से विशेष अभियान चलाया जाएगा। इसमें देखा जाएगा कि विक्रेता बिल, कैशमेमो में पंजीकरण नंबर अंकित कर रहा है या नहीं। वीपी सिंह, जिला अभिहीत अधिकारी, कानपुर नगर।

Author: aman yatra

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