10 जुलाई को अनुपस्थित या अवकाश लेने वाले शिक्षकों का मांगा गया ब्योरा, सरकारी आचरण नियमावली के तहत हो सकती है बड़ी कार्यवाही
परिषदीय विद्यालयों में हाल में हुई तबादला प्रक्रिया में 69000 हजार शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों को कार्यमुक्त किए जाने से रोक दिया गया है। इसका कारण 69000 भर्ती को लेकर चल रही न्यायालय में सुनवाई है।

अमन यात्रा, कानपुर देहात। परिषदीय विद्यालयों में हाल में हुई तबादला प्रक्रिया में 69000 हजार शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों को कार्यमुक्त किए जाने से रोक दिया गया है। इसका कारण 69000 भर्ती को लेकर चल रही न्यायालय में सुनवाई है। कार्यमुक्त करने से रोकने से नाराज शिक्षकों एवं शिक्षिकाओं ने सोमवार को बेसिक शिक्षा निदेशालय का घेराव कर धरना दिया। उन्होंने कार्यमुक्त करने की मांग की।
निदेशालय में एकत्र विभिन्न जिलों से आई महिला शिक्षकों ने कहा कि न्यायालय में मामला कई बार सालों तक चलता है। ऐसे में सिर्फ इस आधार पर उनको तबादले का लाभ न देने का और कार्यमुक्त न करने का निर्णय ठीक नहीं है। इससे शिक्षक व उनके परिजन काफी परेशान हैं।उन्होंने मांग की है कि हमें जल्द से जल्द कार्यमुक्त किया जाय व तबादला पाए जिले में तैनाती दी जाए। धरने में शामिल काफी महिलाएं अपने छोटे छोटे बच्चों के साथ आई हुई थीं और महानिदेशक से न्याय की मांग कर रही थीं।
वहीं दूसरी तरफ सचिव प्रताप सिंह बघेल ने एक आदेश जारी कर सभी बीएसए से 10 जुलाई 2023 को अनुपस्थित या अवकाश लेने वाले शिक्षकों का ब्योरा मांग लिया है। इन पर विभाग की ओर से सरकारी आचरण नियमावली के तहत बड़ी कार्यवाही करने की तैयारी चल रही है। इससे महिला शिक्षकों में काफी नाराजगी है।
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