11 साल से उच्च प्राथमिक में प्रधानाध्यापक बनने की प्रतीक्षा कर रहे शिक्षक
बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में एक तरफ संसाधन बढ़ाने के साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए नित नए प्रयोग किए जा रहे हैं तो दूसरी तरफ शिक्षक दोहरी उलझन के बीच अध्यापन कार्य कर रहे हैं। उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 11 वर्ष से पदोन्नति नहीं मिली है।
- बरसों से प्रमोशन का इंतजार कर रहे बेसिक के शिक्षक
अमन यात्रा, कानपुर देहात। बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में एक तरफ संसाधन बढ़ाने के साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए नित नए प्रयोग किए जा रहे हैं तो दूसरी तरफ शिक्षक दोहरी उलझन के बीच अध्यापन कार्य कर रहे हैं। उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 11 वर्ष से पदोन्नति नहीं मिली है।
इसके चलते बड़ी संख्या में विद्यालय प्रभारी प्रधानाध्यापकों के भरोसे संचालित हैं। पदोन्नति नहीं मिलने से न तो उन्हें प्रधानाध्यापक का स्थायी पद मिल रहा और न ही कार्य के बदले प्रधानाध्यापक का वेतन। इससे उनमें नाराजगी है। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक विद्यालयों के सहायक अध्यापक पदोन्नति पाकर या तो प्राइमरी में प्रधानाध्यापक बनते हैं या उच्च प्राथमिक में सहायक अध्यापक। इसी तरह प्राथमिक के प्रधानाध्यापक और उच्च प्राथमिक के सहायक अध्यापक पदोन्नति पाकर उच्च प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक बनते हैं।
बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि शिक्षकों से प्रभारी प्रधानाध्यापक का कार्य तो लिया जा रहा है लेकिन न तो उन्हें उस कार्य का वेतन दिया जा रहा है और न ही स्थायी पद पर 11 वर्ष से पदोन्नति दी जा रही है। तमाम शिक्षक प्रधानाध्यापक बनने का सपना संजोए हुए ही सेवानिवृत्त हो गए हैं।
जैसे-जैसे स्थायी प्रधानाध्यापक सेवानिवृत्त हो रहे हैं, वैसे-वैसे प्रभारी बनाकर कार्य चलाया जा रहा है। उन्होंने मांग की है कि प्रभारी की व्यवस्था समाप्त कर शिक्षकों को पदोन्नति देकर कार्य लिया जाए जिससे वह पद लाभ के साथ शिक्षण व व्यवस्था में मनोयोग से योगदान दे सकें।