कानपुर, अमन यात्रा l मंधना से बिठूर के बीच रेलवे ट्रैक पर गुरुवार को 15 साल बाद ट्रेन दौड़ी। इलेक्ट्रिक ट्रैक का अधिकारियों ने सीआरएस सर्वे पूरा किया और रेलवे बोर्ड को इसकी रिपोर्ट भेज दी। ट्रेन की शुरुआत होने से यहां की तकरीबन एक लाख आबादी को आवागमन की सुविधा मिल जाएगी।
मंधना से ब्रह्मावर्त रेलवे स्टेशन तक सीआरएस सर्वे के लिए पूर्वोत्तर मंडल के रेल संरक्षा आयुक्त मोहम्मद लतीफ खान और डीआरएम आशुतोष पंत के साथ अधिकारियों की टीम ने सुबह दस बजे इलेक्ट्रिक लाइन का परीक्षण शुरू किया। धीमी गति से चल रही ट्रेन के साथ अधिकारियों ने मास्टर पैनल, कर्व (घुमाव), समपार, पुल और पावर सब स्टेशन का निरीक्षण किया। दोपहर तकरीबन डेढ़ बजे अधिकारी दस कोच की ट्रेन लेकर बिठूर पहुंचे। यहां स्टेशन, पावर केबिन का निरीक्षण करने के बाद मेमू इंजन के साथ गति परीक्षण शुरू किया गया। शुरूआत में सिग्नल की समस्या के चलते इंजन दस मिनट के लिए खड़ा रहा। बिठूर स्टेशन से दोपहर 2.52 बजे मेमू ट्रेन दौड़ी तो आठ किमी की दूरी 12 मिनट में तय करके मंधना स्टेशन पहुंची। ट्रेन की गति 60 किमी प्रति घंटा रखी गई थी। अधिकारियों के मुताबिक इलेक्ट्रिफिकेशन में नौ करोड़ रुपये का खर्च आया है। सर्वे के दौरान पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर के मुख्य विद्युत इंजीनियर एके शुक्ला, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (निर्माण) रामकरण यादव, मुख्य विद्युत इंजीनियर निर्माण संतोष बेरवा, वरिष्ठ मंडल विद्युत इंजीनियर सतेन्द्र कुमार सिंह व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
2005 में चली थी अंतिम बार ट्रेन
बिठूर के ब्रह्मावर्त रेलवे स्टेशन से 15 नवंबर 2005 को अंतिम बार ट्रेन चली थी। तब छह कोच की ट्रेन चलायी जा रही थी जो मंधना, रावतपुर और अनवरगंज तक ही चलती थी। क्षेत्रीय लोग बताते हैं कि इससे पहले यह ट्रेन कानपुर सेंट्रल तक चलायी जाती थी। यात्री लोड न मिलने के चलते इसे अनवरगंज तक सीमित कर दिया गया था।
बिठूर से लखनऊ तक मेमू चलाने की मांग
ब्रह्मावर्त विकास एवं जनकल्याण समिति के अध्यक्ष सूबेदार पांडेय ने बिठूर से लखनऊ तक ट्रेन चलाने की मांग रेलवे अधिकारियों से की। डीआरएम आशुतोष पंत को ज्ञापन देते हुए उन्होंने बिठूर की ऐतिहासिक धरती को ट्रेन के माध्यम से प्रयागराज और बनारस से जोड़ने के लिए भी एक-एक ट्रेन चलाने की मांग की है।
बिठूर तक चल सकती है फर्रुखाबाद पैसेंजर
फर्रुखाबाद रूट पर अनारक्षित ट्रेन की शुरूआत हो चुकी है। ऐसे में यात्री लोड को देखते हुए यहां ट्रेन चलाने की बात अधिकारी कह रहे हैं। संभावना है कि छह से आठ डिब्बों की ट्रेन को अनुमति दी जाए। इसके साथ ही फर्रुखाबाद से अनवरगंज आने वाली ट्रेन के रूट में बिठूर को भी शामिल किया जा सकता है।
सीआरएस सर्वे हो चुका है। इसकी रिपोर्ट मुख्यालय भेजी जा रही है। रेलवे बोर्ड की अनुमति मिलते ही ट्रेन भी चलायी जाएगी।
-राजेंद्र सिंह, जनसंपर्क अधिकारी पूर्वोत्तर रेलवे इज्जत नगर मंडल