कानपुर में ढोल-नगाड़ों की धुन पर रात भर नाचे पंजाबी, हर्षोल्लास से मनाई गई लोहड़ी
सुंदर मुंदरिये हो तेरा कौन विचारा, दुल्ला भट्टी वाला जैसे लोकगीत के साथ ढोल-नगाड़ों की आवाज पर लोग झूम रहे थे। आग के चारों तरफ पंजाबी नृत्य से माहौल में उत्साह था। लोग आग की परिक्रमा करते हुए मूंगफली, काले तिल व मक्के के दाने डाल रहे थे। पंजाबी मोहल्लों में शाम होने के बाद इस तरह का नजारा दिखाई दे रहा था।
कानपुर, अमन यात्रा । सुंदर मुंदरिये हो तेरा कौन विचारा, दुल्ला भट्टी वाला जैसे लोकगीत के साथ ढोल-नगाड़ों की आवाज पर लोग झूम रहे थे। आग के चारों तरफ पंजाबी नृत्य से माहौल में उत्साह था। लोग आग की परिक्रमा करते हुए मूंगफली, काले तिल व मक्के के दाने डाल रहे थे। पंजाबी मोहल्लों में शाम होने के बाद इस तरह का नजारा दिखाई दे रहा था। मौका था लोहड़ी का और हर तरफ हर्षोल्लास था। उन घरों में जश्न का माहौल था जहां विवाह के बाद पहली लोहड़ी थी या बेटा-बेटी का जन्म हुआ था।
कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर सार्वजनिक स्तर पर लोहड़ी मनाने से लोग बचते रहे हालांकि घरों व गुरुद्वारों में लोहड़ी का जश्न मनाया गया। गुमटी नंबर पांच, नवाबगंज, लाजपत नगर, अशोक नगर, लालबंगला आदि क्षेत्रों में लोहड़ी पर हर्षोल्लास दिखाई दिया। लोग पंजाबी धुनों पर नृत्य करते नजर आए। विवाह के बाद जिनकी पहली लोहड़ी थी उनको उपहार दिए गए। तिल, गजक, मूंगफली, रेवड़ी को अग्नि को भेंट किया गया। अशोक नगर में कानपुर कपड़ा कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रुमित सिंह सागरी ने चरनजीत सिंह सागरी, डा. घनश्याम शादिजा, डा. परवेज अख्तर, गुरमीत सिंह, जगजीत सिंह आदि के साथ लोहड़ी मनाई। उत्तर प्रदेश युवा सिख संगठन के तत्वावधान में लोहड़ी मनाई गई। बड़ों का आशीर्वाद लिया गया। दुल्ले ने धी ब्याही हो, सेर शक्कर पाई हो, कुड़ी का लाल पटाका हो… गीत गाए गए। इस दौरान नरेंद्र जीत सिंह ङ्क्षमटा, मंजीत सिंह, पुनीत सिंह चावला, पवनीत सिंह, दीपक अंशवानी, धनराज पाहुजा मंजीत कौर आदि रहेl
इसलिए मनाई जाती है लोहड़ी : लोहड़ी फसल पकने की खुशी में मनाई जाती है। लोहड़ी सर्दियों के जाने तथा बसंत के आने का संकेत भी है। लोहड़ी पर लोग रबी की फसल अग्नि को समर्पित करते हैं। पंजाबी परिवार बच्चों के पहले जन्म पर व नये जोड़े इसे त्योहार के रूप में मनाते है। दुल्ला भट्टी ने दो बहनों सुंदरिया व मुंदरिया को बेचने ले जा रहे लोगों से छुड़ाया था। दोनों बहनों की शादी करा दी थी। लोहड़ी पर दुल्ला भट्टी को याद किया जाता है।
गुरुद्वारा बाबा नामदेव में संगत को दिया प्रसाद : उत्तर प्रदेश पंजाबी अकादमी ने किदवई नगर स्थित गुरुद्वारा बाबा नामदेव परिसर के बाहर धूम-धाम से लोहड़ी मनाई। लोगों ने गिद्दा और भांगड़ा कर लोहड़ी का आनंद लिया। संगत को तिल, फूल, गजक का प्रसाद दिया गया। इस दौरान उत्तर प्रदेश पंजाबी अकादमी के उपाध्यक्ष गुरङ्क्षवदर सिंह छाबड़ा, सरदार नीतू सिंह, सुरजीत सिंह ओबराय, गुरदीप सिंह सहगल, सतनाम सूरी, डा. मनप्रीत सिंह, चरनजीत सिंह नामी आदि रहे।
गुरुद्वारा नवाबगंज में अरदास : गुरुद्वाार नवाबगंज में लोहड़ी पर शबद कीर्तन से संगत निहाल हुई। कोरोना से मुक्ति की अरदास की गई। लोहड़ी के अवसर पर लोग उल्लास में डूबे रहे। इस दौरान गुरुद्वारा के प्रधान सरदार मान सिंह बग्गा, जसपाल सिंह, मिथलेश शर्मा, अश्विनी कुमार, सरदार कंवलजीत सिंह, इंदरजीत सिंह, राजेश कुमार, सरदार जोगिंदर सिंह वासु, प्रिंस वासु आदि रहे।