शिक्षण संस्थानों में अब डायरी से नहीं बल्कि डिजिटलाइजेशन से सपने को साकार किया जा सकता है : प्रोफेसर विनय कुमार पाठक
छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक ने आज विक्रमाजीत सिंह सनातन धर्म महाविद्यालय का औचक निरीक्षण किया।
अमन यात्रा ब्यूरो, कानपुर। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक ने आज विक्रमाजीत सिंह सनातन धर्म महाविद्यालय का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने विभिन्न विभागों का निरीक्षण करने के बाद महाविद्यालय के शिक्षकों को अकादमिक सर्वश्रेष्ठता के गुर बताये। उन्होंने शिक्षा को डिजिटलाइजेशन की तरफ ले जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों में अब डायरी से नहीं बल्कि डिजिटलाइजेशन से न्यू इंडिया के सपने को साकार किया जा सकता है।
उन्होंने शोध कार्य को बढ़ावा दिये जाने पर जोर देते हुए इसमें शिक्षक-छात्र के बेहतर समन्वय की जरूरत पर भी जोर दिया। बेहतर और स्मार्ट क्लास रूम के साथ अत्याधुनिक लैब से सुसज्जित पाठ्यक्रमों द्वारा ही अच्छे और कुशल नागरिक बनाये जा सकते है। प्रो. पाठक ने महाविद्यालय के शिक्षकों और अधिकारियों से अकादमिक गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करने को कहा। उन्होंने कहा कि प्रतिभाशाली छात्र तथा योग्य शिक्षक किसी भी शैक्षिक संस्थान की आधारशिला होते हैं। नोकिया मोबाइल कंपनी का उदाहरण देते हुए उन्हेंने बताया कि बदलती तकनीक के अनुरूप जो संस्था या व्यक्ति स्वयं को बदलते नहीं वे स्वतः समाप्त हो जाते हैं।
शिक्षकों को प्रयास करना चाहिए कि संस्थान में आयोजित पाठ्यक्रम नई तकनीक तथा नये परिवेश की मांग पूरी करने में सक्षम हों। इसके लिए निरंतर अपने पाठ्यक्रम तथा तकनीकी को अद्यतन करते रहना चाहिए। शिक्षकों का प्रयास होना चाहिए की संस्थान में प्रतिभाशाली छात्र प्रवेश लें और उनकी शत प्रतिशत कक्षायें संचालित हों। छात्रों को अद्यतन तकनीक से प्रशिक्षित करते हुए उन्हें परिवेश की मांग तथा रोजगार के लिए तैयार करना चाहिए।
इसके लिए संसाधनों के प्रश्न पर उन्होंन कहा महाविद्यालय प्रबंधन की जिम्मेदारी है कि संसाधनों का प्रबंध करे लेकिन उनकी सीमायें हैं। कुलपति जी ने कहा कि वीएसएसडी कॉलेज के शिक्षक प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों में शामिल हैं। यहां के शिक्षकों को अच्छे शोध प्रस्ताव यूजीसी को देने चाहिए जिससे कि अच्छा बजट मिल सके और महाविद्यालय के संसाधनों का विकास हो। इसके साथ ही महाविद्यालय के पूर्व छात्रों की भी मदद ली जानी चाहिए। प्रोफेसर पाठक ने कहा कि कानपुर विश्वविद्यालय भी महाविद्यालय को नये पाठ्यक्रम शुरू करने तथा सेंटर फॅार एक्सलेंस स्थापित करने को तैयार हैं।
उन्होंने कॉलेज विकास समिति के चेयरमैन डॉ0 आरके द्विवेदी को इस संबंध में कॉलेज के शिक्षकों का मागदर्शन करने को कहा। कुलपति जी ने महाविद्यालय के प्रबंध समिति, प्राचार्य तथा शिक्षकों से अपील किया कि वे आपस में समन्वय स्थापित करते हुए छात्रों के लिए श्रेष्ठ वातावरण तैयार करें। इंडस्ट्रियल भ्रमण को शिक्षा व्यवस्था का एक हिस्सा बनाना होगा, ताकि छात्रों को सैद्धांतिक शिक्षा के साथ-साथ व्यावहारिक शिक्षा में भी बेहतर ज्ञान मिल सके।
लाइब्रेरी अत्याधुनिक होनी चाहिये, आफलाइन पुस्तकों के साथ पुस्तकालयों में ऑनलाइन सब्सक्रिप्शन भी जरूरी है, ताकि छात्र कहीं भी और कभी भी अपने शैक्षिक संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए संबंधित किताबों, पत्रिकाओं आदि को एक्सेस कर सकें। महाविद्यालयों को पूर्व छात्र परिषद बनाकर उनसे शैक्षिक और आर्थिक सहयोग लिया जा सकता है। इसके अलावा प्रो. पाठक ने कालेज में विभिन्न विषयों के नये पाठ्यक्रम और पहले से चल रहे पाठ्यक्रमों में सीटों का इजाफा करते हुए वहां के लैब आदि को अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित करने के निर्देश दिये।
इस दौरान महाविद्यालय प्रबंध समिति के प्रबंधक सीए वीरेंद्रजीत सिंह, सीडीसी डॉ. आरके द्विवेदी, डीन एकेडमिक डॉ. सुधांशु पांड्या, वीएसएसडी कॉलेज के प्राचार्य डॉ0 बिपिन चंद्र कौशिक, पूर्व प्राचार्य डॉ. अशोक कुमार तिवारी, पूर्व कुलपति आगरा विश्वविद्यालय डॉ0 अरविंद दीक्षित, निदेशक अविनाश चतुर्वेदी, सभी विभागाध्यक्ष, शिक्षकगण तथा अन्य प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।