ज्ञान के लिए समय और दूरी की बाध्यता खत्म होनी चाहियेः प्रो. विनय कुमार पाठक
कानपुर,अमन यात्रा । छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वद्यिालय में आज कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने लाइब्रेरी ऑन डिवाइस यानी ई-लाइब्रेरी एप्लीकेशन लांच किया। उन्होंने कहा कि ज्ञान प्राप्त करने का अधिकार हम सभी का है और अब इसके लिए टेक्नॉलोजी का इस्तेमाल कर समय और दूरी की बाधाओं को दूर कर सभी तक पहुंचाने की जिम्मेदारी हम सबको निभानी होगी। इसी कड़ी में विश्वविद्यालय ने सीएसजेएमयू ई-लाइब्रेेरी एप्लीकेशन के माध्यम से पूरी दुनिया में ज्ञान का प्रवाह को शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के विपरीत परिस्थितियों में हमारे शिक्षकों और छात्रों ने पूरी मेहनत के साथ आज यह मुकाम हासिल किया है। मोबाइल ऐप और वेबसाइट दोनों प्लेटफार्म पर छात्रों को उनके विषय से संबंधित किताबें, जर्नल, थेसिस और वीडियो लेक्चर आदि को एक्सेस किया जा सकता है।
विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी में ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन माध्यम से लगभग सभी पाठ्य सामग्रियों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। इसके लिए संस्थान के शिक्षकों ने कड़ी मेहनत कर बड़ी संख्या में ई-कन्टेंट निर्मित किये हैं। इसके अलावा सब्सक्रिप्शन के माध्यम से अन्य विश्वविद्यालयों और संस्थानों में उपलब्ध किताबों का लाभ इस एप्लीकेशन के माध्यम से उठाया जा सकता है।
प्रो. पाठक ने बताया कि ई-लाइब्रेरी में स्टूडेंट कार्नर भी रखा गया है, जिसमें छात्रों से ई-कंटेंट आमंत्रित किये गये हैं, क्योंकि अब ज्ञान को किसी खास परिधि में नहीं रखा जा सकता है। इसे प्राप्त करने के लिए कहीं से भी स्रोत हो, उसे संचय करने की जरूरत है। इस अवसर पर ई-कंटेंट लिखने वाले शिक्षकों को कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने सम्मानित किया।
सम्मानित होने वालों में प्रति कुलपति प्रो. सुधीर कुमार अवस्थी, डॉ. बृष्टि मित्रा, डॉ. निशा शर्मा, डॉ. राशि अग्रवाल, डॉ. रविन्द्र नाथ, डॉ. शिल्पी कुकरेजा, इंजीनियर सोमेश कुमार मल्होत्रा, इंजीनियर अर्पित श्रीवास्तव, डॉ. अर्चना सक्सेना, डॉ. निधि नागर, डॉ. दीपाली निगम आदि रहीं। पुस्तकालय अध्यक्ष डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने लाइब्रेरी में उपलब्ध व्यवस्थाओं पर प्रकाश डाला। ई-कंटेंट कोआर्डिनेटर डॉ. विशाल सक्सेना ने लाइब्रेरी ऑन डिवाइस-ई लाइब्रेरी एप्लीकेशन की खूबियों के बारे में बताया। इस अवसर पर भावना गोस्वामी ने गूगल प्ले स्टोर से एप्लीकेशन का डेमो डाउनलोड कर लोगों को इसके उपयोग करने के बारे में विस्तार से बताया। संचालन डॉ. अर्पणा कटियार ने किया।