सीएसजेएमयू में किया गया राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त डॉ. पूर्णिमा तिवारी की दो पुस्तका विमोचन
छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय में आज राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त चित्रकार डॉ. पूर्णिमा तिवारी द्वारा लिखित पुस्तकों सौंदर्य शास्त्र तथा आर्ट स्टेयर्स का विमोचन कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने किया।
अमन यात्रा ब्यूरो,कानपुर। छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय में आज राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त चित्रकार डॉ. पूर्णिमा तिवारी द्वारा लिखित पुस्तकों सौंदर्य शास्त्र तथा आर्ट स्टेयर्स का विमोचन कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने किया। पुस्तक विमोचन समारोह के मुख्य आतिथि प्रो. पाठक ने कहा की कृतिकार के लिए ये बेहद प्रसन्नता का पल होता है, जब उनकी कृतियां समाज के सामने आती है। उन्होंने कहा की वेस्टर्न कला के साथ-साथ अपनी पुरानी कला संस्कृति को भी जानने की आवश्यकता है। कला की आधारशिला को पढ़ने, उसे जानने, और समझने की जरूरत है।
राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त चित्रकार डॉ. पूर्णिमा तिवारी ने अपनी पुस्तक सौंदर्यशास्त्र के बारे में बताते हुए कहा कि इसमें दर्शन के साथ होने से विद्यार्थियों को यह विषय कठिन लगता है। अतः मैंने सौंदर्य दर्शन की व्याख्या सरल भाषा में व्यक्त करते हुए मानव जीवन में इसका कितना महत्व है, यह बताने का प्रयास किया है। सौंदर्य अध्ययन समाज ही नहीं विश्व शांति का मार्ग भी प्रशस्त करता है, क्योंकि सौंदर्य ही हमें नैतिकता का पाठ पढ़ाने के साथ बौद्धिक समग्रता व आध्यात्मिकता को शांति देता है।
अपनी दूसरी पुस्तक आर्ट स्टेयर्स जो कि स्नातक स्तर के विद्यार्थियों के लिए है, पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि कला के संसार में प्रवेश लेने के लिए उसकी बेसिक जानकारी व नियमों के लिए यह पुस्तक उपयोगी है। पुस्तकों की समीक्षा प्रख्यात कवि डॉ. सुरेश अवस्थी द्वारा की गई। उन्होंने पुस्तकों को विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए कहा की कला जगत में डॉ. पूर्णिमा का यह योगदान मील का पत्थर साबित होगा। डॉ. सुरेश ने कला को सौन्दर्य का प्रतिरुप बताया।
कार्यक्रम का संचालन प्रो. संजय स्वर्णकार ने किया। इस अवसर पर प्रो. एस.के. अवस्थी (प्रति कुलपति), प्रो. आर.के. द्विवेदी (सी.डी.सी निदेशक), प्रो. सुधांशु पांडे (डीन एडमिनिस्ट्रेशन), डॉ. इंद्रमोहन रोहतगी, डॉ.एस.के. तिवारी, डॉ.बृजेश कटियार, डॉ. प्रहलाद सिंह, डॉ.शुभम शिवा, डॉ.ज्योति शुक्ला, डॉ.वंदना शर्मा, डॉ.रचना निगम आदि की उपस्थित उल्लेखनीय रही।