जिलाधिकारी जेपी सिंह ने शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता के कार्यों की अद्यतन प्रगति की समीक्षा, दिये निर्देश
जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता के 37 विकास कार्यक्रमों तथा रू0 50.00 लाख एवं उससे अधिक लागत के निर्माणपरक कार्यों की अद्यतन प्रगति की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया।
- हर अधिकारी को सचेत होकर अपना कार्य करना चाहिए, क्योकि आपके द्वारा निभाई गयी जिम्मेदारियां जनता के एक बड़े वर्ग को कर सकती है लाभांवितः जिलाधिकारी
- शिक्षा और स्वास्थ्य व्यक्ति के जीवन में क्रान्तिकारी बदलाव करते है उपस्थित, इसमें किसी प्रकार की कोई न करें लापरवाही : जिलााकारी
कानपुर देहात,अमन यात्रा। जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता के 37 विकास कार्यक्रमों तथा रू0 50.00 लाख एवं उससे अधिक लागत के निर्माणपरक कार्यों की अद्यतन प्रगति की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में उन बिन्दुओं पर चर्चा की गयी जिनमें प्रगति खराब पायी गयी, बैठक में जिलाधिकारी को बताया गया कि नहर विभाग द्वारा टेल तक पानी पहुंचाने की कार्यवाही की जा रही है.
इस पर जिलाधिकारी ने सम्बन्धित विभाग के अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि समय से सभी कार्य पूर्ण कर ले, वहीं विद्युत विभाग द्वारा बताया गया कि विभिन्न विभागों द्वारा करीब 28 करोड़ का बिल बकाया है, जिसमें सबसे ज्यादा 22 करोड़ शिक्षा विभाग, पंचायत विभाग का 60 लाख, सिचाई विभाग 76 लाख इत्यादि विभागों का विद्युत बिल बनाया है, इस पर जिलाधिकारी ने सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि अपने-अपने विभागों से बजट की मांग कर शीघ्र ही विद्युत बिल का भुगतान कराये, वहीं उन्होंने विद्युत विभाग के अधिकारी को निर्देश दिये कि प्रतिदिन की रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे, इसमें किसी प्रकार की लापरवाही न की जाये, वहीं बैठक में प्रान्तीय खण्ड लोक निर्माण विभाग, सेतु निगम, आरईडी इत्यादि के कार्यो की भी समीक्षा की तथा कहा कि 31 मार्च तक सभी कार्य पूर्ण कर ले अन्यथा कार्यवाही की जायेगी, वहीं प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण, पेंशन योजना, कायाकल्प योजना, गौशाला, जल निगम, मत्स्य, सामुदायिक शौचालय इत्यादि की भी समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि इन कार्यो में सभी विभाग प्रगति लाये, इसमें किसी प्रकार की लापरवाही न की जाये.
वहीं स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी को बताया गया कि रसूलाबाद सीएचसी में चिकित्सक की तैनाती के बावजूद एक भी डिलीवरी आपरेशन द्वारा न होने पर जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी पर नाराजगी जाहिर करते हुए सम्बन्धित चिकित्सक का सम्पूर्ण डाटा उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये है। वहीं परिवार नियोजन में कम प्रगति पर भी जिलाधिकारी ने प्रगति लाने के निर्देश दिये है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य व्यक्ति के जीवन में क्रान्तिकारी बदलाव उपस्थित करते है इसलिए जरूरी है की हम इसमें किसी प्रकार की कोई लापरवाही न करे, आर0बी0एस0के0 की समीक्षा करते हुए पाया गया कि 23 में 20 बच्चों का इलाज हो चुका है, जिलाधिकारी ने कहा कि जो शेष तीन बच्चे बचे है उनके घर जाकर उनके स्थितियों का पता लगाये जिससे इन बच्चों का भी इलाज किया जा सके, जिलाधिकारी ने सभी सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये है कि सभी विभाग अपने कार्यो की प्रगति शत प्रतिशत 31 मार्च तक हर हाल में पूर्ण कर ले, इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नही की जायेगी। उन्होंने कहा कि हर अधिकारी को सचेत होकर अपना कार्य करना चाहिए क्योकि आपके द्वारा निभाई गयी जिम्मेदारियां जनता के एक बड़े वर्ग को लाभांवित कर सकती है, इसलिए आंखे मत मूदें सचेत रहिऐं।
मौके पर मुख्य विकास अधिकारी सौम्या पाण्डेय, जिला विकास अधिकारी गोरखनाथ भट्ट, मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 एके सिंह, डीएफओ अनिल कुमार द्विवेदी, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी शीश कुमार, जिला सूचना अधिकारी नरेन्द्र मोहन आदि अधिकारीगण उपस्थित रहे।