सम्पादकीय

मेरा अस्तित्व और वजूद दूसरे तय न करें”

अमन यात्रा

सदैव ही महिला को अनेक कसौटियों पर तौला जाता है। बेटी, बहू, माँ, सास, दादी, नानी इन सब किरदारों को जीते-जीते स्वयं के लिए जीना भूल ही जाती है। नारी को सभी देखते है, पर उसके भीतर छुपे मनोभाव, दर्द, पीड़ा, अकेलापन, घुटन, संत्रास इत्यादि को कोई नहीं समझता। उसकी खुशी पर हमेशा ही समाज शंकित निगाहे रखता है। जब कभी वह प्रेम की ओर अग्रसर होती है, या स्वहित के लिए कोई निर्णय लेती है, बंधनों को तोड़कर ऊँचे आसमान में उड़ना चाहती है तो यही समाज उस पर प्रश्नों की बौछार करने लगता है। उस पर घर को स्वर्ग बनाने का दायित्व तो है पर उस स्वर्ग में स्वयं जीने का नहीं। कभी पिता के लिए जीती है, कभी पति और कभी बच्चों के लिए। अपने ही वजूद की तलाश में भटकते-भटकते वह स्त्री जीवनयात्रा पूरी कर लेती है।

जब परिणय बंधन में स्त्री और पुरुष दोनों बंधते है तब भी दान केवल स्त्री का ही किया जाता है। पति के नाम से जानी जाती है। बच्चों की खुशियों में जीना सीख जाती है। अपने ही अस्तित्व की लड़ाई में हरदम जूझती है नारी। पुरुष सदैव रौब दिखाकर और आवाज को बलवान कर अपनी बात मनवा लेता है और रिश्तों को तोड़ देता है। मगर स्त्री अपनी टूटी पायल को भी जोड़-जोड़ कर घर सँजोने का प्रयास करती है और अपने आँसू पीकर भी जुड़ाव के लिए प्रेरित रहती है।

महिला दिवस पर ही सम्मान की चाहत नहीं।

*सबके लिए घुट-घुट कर जीना अब मेरी आदत नहीं।।

*नहीं खत्म करूंगी सिसकियों के साथ जीवन यात्रा।*

*पियूँगी समान रूप से अमृत और विष की मात्रा॥*

पर क्या नारी होने का मतलब त्याग, समर्पण, करुणा, उदारता की मूरत होना है। वह नारी भी तो एक इंसान है। कहते है मनुष्ययोनि कई योनियों में भटकने के बाद मिलती है। तो फिर क्यों न उसे भी इस कीमती जीवन यात्रा को खुलकर जीने दिया जाए। वह नारी भी कभी-कभी अपनी मनमानी और बचपना करना चाहती है। अपनी जिंदगी जीना चाहती है। चुप्पी, सिसकियों और सहनशीलता की बेड़ियों से बाहर निकलना चाहती है। सबला और सशक्तता की पहचान बनना चाहती है। गमों को घर की अलमारी में बंद करके खुली साँस लेना चाहती है। दुनिया के लिए बहुत जी ली, सबके बारे में सोच-सोच कर खुद को तकलीफ देकर थक चुकी है नारी। अब वह इस गुजरती जिंदगी में से स्वयं के लिए कुछ यादगार लम्हे चुराना चाहती है।

*मेरे अस्तित्व और वजूद पर मत उठाओ प्रश्न।*

*मेरे होने से ही है तुम्हारे जीवन में खुशियों के जश्न॥*

अब मेरी खूबसूरती के मायने काजल, लिपिस्टिक और पाउडर में नहीं बल्कि उम्र के साथ बढ़ती झुर्रियों में भी है। बालों की सफेदी भी मेरी परिपक्वता का उजागर रंग है। अब अभिमान और स्वाभिमान के बीच के अंतर को जीना जान चुकी हूँ। रूढ़िवादी और दक़ियानूसी सोच से उबरना सीख चुकी हूँ। अब अपनी खिलाफ हुई बर्बरता का हिसाब देना भी सीख चुकी हूँ। बेचारी का परिवर्तित रूप सबला और शक्तिशाली होना भी जान चुकी हूँ। अब समय के मायने बदल चुके है और बदलते वक्त में नारी को भी स्वयं के वजूद के लिए बदलना होगा। किसी के दबाव को स्वयं पर हावी मत होने दो। नारी अब तुम्हें अद्वितीय लक्ष्य साधिका बनना है। अब तुम्हें स्वयं की खुशी को संजोना है। स्वयं के लिए जीना सीखना है। बहुत समय बीत गया दिखावे और घुटन का लिबास ओढ़े हुए। अब तुम्हें स्वयं की पहचान नहीं खोना है। अपनी सीमा रेखा अब स्वयं तय करों। किसी की टीका-टिप्पणी और थोपी हुई राय को रास्ते की बाधा मत बनने दो।

*धमनियों के शिथिल होने से पहले जीना चाहती हूँ।*

*कभी-कभी थोड़ा बचपना और मनमानी करना चाहती हूँ॥*

*सदैव सहती थी दंभ, दर्प और जिद की लड़ाई।*

*डॉ. रीना कहती, पर अब कर चुकी हूँ उन्नति के सोपान की चढ़ाई॥*

*डॉ. रीना रवि मालपानी (कवयित्री एवं लेखिका)*

Author: AMAN YATRA

SABSE PAHLE

AMAN YATRA

SABSE PAHLE

Recent Posts

कानपुर देहात में दो बाइकों की आमने सामने भिड़ंत में एक की मौत,दूसरा गंभीर

पुखरायां।कानपुर देहात के रूरा कस्बे में बीती बुधवार रात दो बाइकों की आमने सामने भिड़ंत…

2 days ago

गिरधरपुर में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन,102 मरीजों का किया गया सफल उपचार

पुखरायां।आयुष विभाग एवं क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी ,कानपुर डॉ मनोज वर्मा के कुशल मार्गदर्शन…

2 days ago

उपनिदेशक पंचायती राज विभाग रीना चौधरी ने रनिया में विकास कार्यों का किया निरीक्षण,दिए निर्देश

पुखरायां।गुरुवार को उपनिदेशक पंचायती राज विभाग ने विकासखंड अमरौधा के ग्राम पंचायत रनियां में विकास…

2 days ago

भीतरगांव में खाद की किल्लत से किसान परेशान, सहकारी समिति में मची भगदड़

कानपुर : विकासखंड स्तरीय सहकारी समिति में खाद की किल्लत ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा…

2 days ago

कानपुर देहात में धान खरीद केंद्रों का हालचाल लेने पहुंचे जिलाधिकारी

कानपुर देहात: जिलाधिकारी आलोक सिंह ने आज जिला खाद्य विपणन अधिकारी राघवेन्द्र प्रताप सिंह और…

2 days ago

कृषि विभाग का हाल बेहाल, डीएम के निरीक्षण में खुले राज

कानपुर देहात: जिलाधिकारी आलोक सिंह ने आज जिला कृषि रक्षा अधिकारी बारा और मृदा परीक्षण…

2 days ago

This website uses cookies.