मतगणना केंद्रों को ‘लोकतंत्र का तीर्थ’ समझकर वहां जाएं और डटे रहें और सत्तापक्ष द्वारा चुनाव परिणाम में हेराफेरी की हर साज़िश को असंभव बना दें : अखिलेश
उत्तर प्रदेश में महीनों से जारी चुनावी घमासान में कल वोटों की गिनती का दिन है. इससे पहले समाजवादी पार्टी (सपा) ने ईवीएम को लेकर बीजेपी और चुनाव आयोग पर सवाल उठाए हैं.
- उठे विवाद के बाद ईवीएम की नोडल अधिकारी, अपर जिलाधिकारी नलिनी कांत सिंह को ईवीएम परिवहन में लापरवाही बरतने पर बुधवार की देर रात तत्काल प्रभाव से निर्वाचन कार्य से हटा दिया गया.
यूपी चुनाव : उत्तर प्रदेश में महीनों से जारी चुनावी घमासान में कल वोटों की गिनती का दिन है. इससे पहले समाजवादी पार्टी (सपा) ने ईवीएम को लेकर बीजेपी और चुनाव आयोग पर सवाल उठाए हैं. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कार्यकर्ताओं और आम लोगों से निगरानी रखने की अपील की.
पूर्व सीएम ने कहा, ”मतगणना केंद्रों को ‘लोकतंत्र का तीर्थ’ समझकर वहां जाएं और डटे रहें और सत्तापक्ष द्वारा चुनाव परिणाम में हेराफेरी की हर साज़िश को असंभव बना दें! सपा-गठबंधन की जीत हो रही है, तभी तो भाजपाई धांधली की कोशिश कर रहे हैं.”
सपा के आरोपों के बीच वाराणसी, बरेली और सोनभद्र में संबंधित अधिकारियों को हटा दिया गया है. वाराणसी से जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि, पांडेयपुर स्थित पहाड़िया मंडी में बनाये गए मतगणना स्थल पर मंगलवार को ईवीएम को नियम विरुद्ध तरीके से ले जाए जाने को लेकर उठे विवाद के बाद ईवीएम की नोडल अधिकारी, अपर जिलाधिकारी नलिनी कांत सिंह को ईवीएम परिवहन में लापरवाही बरतने पर बुधवार की देर रात तत्काल प्रभाव से निर्वाचन कार्य से हटा दिया गया.
उन्होंने बताया कि कांत के स्थान पर अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) संजय कुमार को ईवीएम प्रभारी बनाया गया है. जिलाधिकारी ने बताया कि मंगलवार को ईवीएम बदलने को लेकर हुए बवाल के बाद देर रात चुनाव पर्यवेक्षकों और प्रत्याशियों की मौजूदगी में सभी मशीनों की जांच कराई गई.
कौशल राज शर्मा ने बताया कि सभी कंट्रोल यूनिट, बैलट यूनिट और वीवीपैट की जांच करायी गयी. उन्होंने बताया कि इस दौरान अधिकतर पार्टियों के उम्मीदवार और पदाधिकारी मौजूद थे और सभी 20 ईवीएम सेट को मौजूद उम्मीदवारों के संतुष्ट हो जाने पर बक्से में सील कराया गया.
सोनभद्र
वहीं सोनभद्र जिले में मतगणना स्थल के बाहर गत मंगलवार को घोरावल तहसील के उप ज़िलाधिकारी रमेश कुमार के वाहन से बॉक्स में से बैलेट पर्चियां मिलने और इसे लेकर सपा कार्यकर्ताओं द्वारा किए गये हंगामे के मामले को गम्भीरता से लेते हुए कुमार को पद से हटा दिया गया है.
जिलाधिकारी टी. के. शीबू ने बताया कि प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ल के निर्देश पर घोरावल के उप जिलाधिकारी रमेश कुमार को चुनाव ड्यूटी से हटाकर उनके स्थान पर श्याम प्रताप को तैनात कर दिया गया है.
बरेली
इस बीच, बरेली जिले के बहेड़ी विधानसभा क्षेत्र से मतदान सामग्री और मतदान पेटी को नगर पालिका की कूड़ा ढोने वाली गाड़ी पर लादकर मतगणना स्थल पर पहुंचाये जाने के प्रकरण में जिला प्रशासन ने कड़ा कदम उठाया है.
जिलाधिकारी शिवाकान्त द्विवेदी ने बताया कि आयोग से अनुमति मिलने के बाद उप जिला निर्वाचन अधिकारी/ अपर जिला अधिकारी (प्रशासन) वीके सिंह को चुनाव प्रक्रिया से हटा दिया गया है और यह जिम्मेदारी अपर जिलाधिकारी वित्त/राजस्व सन्तोष बहादुर सिंह को सौंपी गई है.
इसके साथ ही बहेड़ी की पीठासीन अधिकारी/उपजिलाधिकारी पारुल तरार को भी पद से हटाकर उनके स्थान पर उपजिलाधिकारी सदर राजेश चंद्र को तैनात किया गया है.
समाजवादी पार्टी (सपा) अन्य दलों के नेताओं ने इस मामले में मंगलवार देर रात तक हंगामा किया था. जिलाधिकारी ने समझा-बुझाकर मामला शांत कराया और मतगणना स्थल पर बहेड़ी से लाया गया वाहन कलेक्ट्रेट रवाना किया और चुनाव संबंधी सामग्री स्ट्रांग रूम में रखवा कर सुरक्षित कराया.
सपा ने मंगलवार को वाराणसी में ईवीएम को कथित रूप से गलत तरीके से तीन ट्रकों से ले जाए जाने का आरोप लगाया था. पार्टी ने बुधवार को भी ईवीएम में हेरा-फेरी का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय को कठघरे में खड़ा किया.
सपा ने अपने ट्विटर हैंडल से एक अधिकारी का वीडियो अपलोड किया जिसमें वह स्वीकार कर रहे हैं कि मंगलवार को ईवीएम परिवहन में आवश्यक प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया. हालांकि उन्होंने ईवीएम से छेड़छाड़ की किसी भी आशंका को सिरे से खारिज किया.
सपा ने इसी ट्वीट में आगे कहा, “कई जिलों में ईवीएम में हेरा-फेरी की जानकारी प्राप्त हो रही है. यह किसके इशारे पर हो रहा है? क्या अधिकारियों पर मुख्यमंत्री कार्यालय से दबाव बनाया जा रहा है? चुनाव आयोग कृपया स्पष्ट करे.”
समाजादवादी पार्टी के आरोपों के बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बुधवार को अखिलेश यादव पर ‘‘झूठ फैलाने और लोगों को उकसाने’’ का आरोप लगाया और निर्वाचन आयोग से उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की.
केंद्रीय मंत्री व उत्तर प्रदेश के प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान के नेतृत्व में बीजेपी नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की और उन्हें इस सिलसिले में एक ज्ञापन भी सौंपा.