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कानपुर,अमन यात्रा । छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग द्वारा ‘‘विज्ञान एवं कृषि पत्रकारिता की अवधारणा और लेखन’ विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक की प्रेरणा से आयोजित इस सेमिनार में प्रसार भारती के पूर्व अपर महानिदेशक डॉ. मनोज पटेरिया, संपादक, इंडियन जर्नल ऑफ साइंस कम्युनिकेशन, नई दिल्ली ने बतौर मुख्य अतिथि तथा वरिष्ठ पत्रकार डॉ. उपेंद्र नाथ पाण्डेय, संपादकीय सदस्य, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, भारत सरकार ने बतौर विशिष्ट अतिथि कार्यक्रम में शिरकत की।
डॉ. मनोज पटेरिया ने कहा कि नई शिक्षा नीति में इंटरडिस्पिलनरी विषयों को पढ़ने से विज्ञान तथा कृषि पत्रकारिता में एक नई दिशा प्रदान हुई है। जनसंचार के छात्र कृषि एवं विज्ञान के क्षेत्र में पत्रकारिता कर बेहतर करियर बना सकते है। कृषि को वैज्ञनिकता के दृष्टिकोण से समझाकर कृषि क्षेत्र में बदलाव लाया जा सकता है। इसके साथ ही जनता तक वैज्ञानिकता से जुड़ी खबरों को सरल भाषा में पहुंचाकर, उनके वैज्ञनिक दृष्टिकोण पर भी प्रकाश डाला जा सकता है। आज सोशल मीडिया का दौर है, जहां लोग अपनी बातों को कम शब्द और कम समय में ही दूसरों तक पहुंचाने में सक्षम हैं, इतना ही नही कई बार तो बिना शब्दों के ही फोटो तथा वीडियों के माध्यम से अपनी बात दूसरे से साझा की जा जाती है। डॉ. पटेरिया ने कहा कि आज के समय में ऐसे लोगो की जरुरत है, जो कृषि तथा वैज्ञानिकता से जुड़ी खबरों को जन-जन तक सरल भाषा में आसानी से पहुंचाये।
विशिष्ट अतिथि डॉ. उपेंद्र नाथ पाण्डेय ने कहा कि विश्वविद्यालयों में कृषि पत्रकारिता का कोर्स चलाने की आवश्यकता है, जिससे युवाओं तक इसकी जानकारियां पहुंचे, क्योंकि आगे आने वाली चुनौतियों का सामना उन्हें ही करना है। गांवों में भी कृषि पाठशालाएं आयोजित करवाई जाएं, जिसमें कृषि से संबंधित जानकारियां ग्रामीणों तक आसानी से पहुंच सके।
दीनदयाल सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. ओमशंकर गुप्ता ने कहा कि पत्रकार की ये जिम्मेदारी है कि खबरों को सही रुप में तथा सरल भाषा में जनता तक पहुचाएं। अपने अध्यक्षीय संबोधन में डॉ. जितेन्द्र डबराल ने कहा कि पत्रकारिता के क्षेत्र में विज्ञान संचार का बहुत कम हिस्सा है, ऐसे में छात्र इस पर कार्य कर इसे बेहतरीन करियर के तौर पर चुन सकते है। विश्वविद्यालय मीडिया प्रभारी डॉ. विशाल शर्मा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि इस तरह के सेमिनार से छात्रों को परंपरागत शिक्षा के अतिरिक्त विशेषज्ञों से व्यावहारिक क्षेत्र के अनुभवों से रूबरू होने का मौका मिलता है।
विभागाध्यक्ष डॉ. योगेन्द्र कुमार पाण्डेय ने धन्यवाद ज्ञापित किया तथा संचालन का दायित्व असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. दिवाकर अवस्थी ने संभाला। इस कार्यक्रम में डॉ. रश्मि गौतम, प्रेम किशोर शुक्ला, सागर कनौजिया, मीडिया टीम से रतन, रोहित आदित्य तथा पत्रकारिता विभाग के छात्र-छात्राओं की मौजूदगी उल्लेखनीय रही।
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