कंपोजिट ग्रांट से कॉन्वेंट स्कूलों की तरह बदलेगी परिषदीय विद्यालयों की सूरत
कंपोजिट स्कूल ग्रांट से परिषदीय विद्यालयों की सूरत बदली जा रही है। इसके लिए सरकार ने शैक्षिक सत्र 2021-22 की कंपोजिट ग्रांट भी स्कूलों के खातों में भिजवा दी है। इसके पहले शैक्षिक सत्र 2022-23 की कम्पोजिट ग्रांट भेजी गई थी। विद्यालयों में नामांकित बच्चों की संख्या के आधार पर यह धनराशि दी गई है।
- शैक्षिक सत्र 2021-22 की भी कंपोजिट ग्रांट सरकार ने की जारी
- शैक्षिक सत्र 22-23 की पूर्व में ही कंपोजिट ग्रांट की जा चुकी है जारी
- 31 मार्च तक अगर शिक्षकों ने कंपोजिट ग्रांट का नहीं किया व्यय तो हो जाएगी लैप्स
अमन यात्रा, कानपुर देहात। कंपोजिट स्कूल ग्रांट से परिषदीय विद्यालयों की सूरत बदली जा रही है। इसके लिए सरकार ने शैक्षिक सत्र 2021-22 की कंपोजिट ग्रांट भी स्कूलों के खातों में भिजवा दी है। इसके पहले शैक्षिक सत्र 2022-23 की कम्पोजिट ग्रांट भेजी गई थी। विद्यालयों में नामांकित बच्चों की संख्या के आधार पर यह धनराशि दी गई है। स्कूल प्रबंध समितियों के खाते में निर्धारित धनराशि भेजी जा चुकी है। वित्तीय वर्ष समाप्त होने से पूर्व इससे स्कूलों की जरूरतों को पूरा किया जाएगा। 31 मार्च 2023 से पहले अगर शिक्षकों ने इस धनराशि को खर्च नहीं किया तो यह धनराशि लैप्स हो जाएगी इसके लिए शिक्षक स्वयं जिम्मेदार होंगे और उन्हीं की जवाबदेही तय की जाएगी। शिक्षक जल्द से जल्द वेंडर को निर्धारित करते हुए अपनी धनराशि उनके खाते में स्थानांतरित कर स्कूल के सभी संसाधनों को जुटाना सुनिश्चित करें अन्यथा की स्थिति में उनके विद्यालय की धनराशि वापिस चली जाएगी। स्वच्छता एवं स्वास्थ्य की सामग्री खरीदने हेतु कटियार मेडिकल स्टोर को अधिकांश शिक्षक वेंडर बना रहे हैं। अब संसाधनों में इजाफा के साथ ही स्कूल और भी बेहतर होंगे।
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जिले में 1926 परिषदीय विद्यालय संचालित हैं। इनमें 1254 प्राथमिक, 330 उच्च प्राथमिक एवं 342 कंपोजिट विद्यालय हैं। इसमें करीब पौने दो लाख बच्चे नामांकित हैं। विद्यालयों की दशा सुधारने के लिए सरकार द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है। कई वर्षों पहले शासन से जो धनराशि मिलती थी उससे स्कूलों की रंगाई-पुताई आदि ठीक से नहीं हो पाती थी। कुछ वर्ष पहले शासन ने प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों की आवश्यकता को देखते हुए कंपोजिट स्कूल ग्रांट उपलब्ध कराने की शुरुआत की।
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वित्त एवं लेखाधिकारी शिवा त्रिपाठी ने बताया कि कांवेंट की तर्ज पर परिषदीय स्कूलों को बनाने के लिए सभी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक एवं कंपोजिट विद्यालयों को नामांकित बच्चों की संख्या के आधार पर कंपोजिट ग्रांट के तहत धनराशि दी जा रही है। समुचित धनराशि उपलब्ध होने से स्कूलों की विभिन्न व्यवस्थाओं तथा संसाधनों को सुदृढ़ करने के अच्छे परिणाम भी सामने आ रहे हैं।
शैक्षिक सत्र 2021-22 की 5 करोड़ 62 लाख 70 हजार रुपए की कंपोजिट ग्रांट भी परिषदीय स्कूलों के एसएमसी खातों में भेज दी गई है। इसके पहले शैक्षिक सत्र 2022-23 की कंपोजिट ग्रांट भी भेजी जा चुकी है। प्रधानाध्यापकों को वित्तीय वर्ष समाप्त होने से पहले ही कंपोजिट ग्रांट को खर्च करना होगा अन्यथा की स्थिति में यह ग्रांट लैप्स हो जाएगी।