बाबा जयगुरुदेव के दसवें वार्षिक भंडारे में होगी नामदान की अमृत वर्षा, सभी सपरिवार सादर आमंत्रित
जयगुरुदेव नाम के प्रणेता, शाकाहार सदाचार नशामुक्ति की जन चेतना जगाने वाले, करोड़ों लोगों को नामदान की अनमोल दौलत खुलेआम मंच से लुटाने वाले, उनकी जीवात्मा की जिम्मेदारी लेने वाले विश्व विख्यात सन्त निजधामवासी बाबा जयगुरुदेव जी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी ने 7 मई 2022 सायंकाल को उज्जैन आश्रम से एनआरआई संगत को दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर प्रसारित लाइव ऑनलाइन संदेश में बताया कि उज्जैन में गुरु महाराज का दसवां भंडारा होने जा रहा है।

- आने वालों की देवी-देवता भी करेंगे मदद, संकल्प बनाओ, कोई काम नहीं बिगड़ेगा
- भाव भक्ति के अनुसार इच्छा होगी पूरी, पुड़िया तो बंध ही जाएगी जो मौके पर करेगी मदद
उज्जैन ,अमन यात्रा : जयगुरुदेव नाम के प्रणेता, शाकाहार सदाचार नशामुक्ति की जन चेतना जगाने वाले, करोड़ों लोगों को नामदान की अनमोल दौलत खुलेआम मंच से लुटाने वाले, उनकी जीवात्मा की जिम्मेदारी लेने वाले विश्व विख्यात सन्त निजधामवासी बाबा जयगुरुदेव जी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी ने 7 मई 2022 सायंकाल को उज्जैन आश्रम से एनआरआई संगत को दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर प्रसारित लाइव ऑनलाइन संदेश में बताया कि उज्जैन में गुरु महाराज का दसवां भंडारा होने जा रहा है। समय परिस्थिति अनुकूल रही तो तीनों दिन 26, 27, 28 मई 2022 को बराबर सतसंग, नामदान होगा। आप लोगों को भी समय निकालकर सतसंग में आना चाहिए। बच्चे, मिलने-जुलने वालों को भी लाना चाहिए क्योंकि अवसर फिर जल्दी मिलता नहीं है। निकला हुआ समय वापस नहीं आता।
अच्छे काम में वादा नहीं, काम करना चाहिए
पिछले दो सालों में छोटे-छोटे कार्यक्रम हुए। लॉकडाउन कोरोना फैला था। आना-जाना मुश्किल था। आश्रम के लोग ही भंडारा पूजन किए थे, प्रसाद लिए थे। दो साल के पहले बड़े कार्यक्रम बराबर होते रहे, भारी संख्या में लोग आते रहे। अब जो लोग उनमें नहीं आ पाए वह नहीं सोचे थे कि अगले दो साल के लिए बंद हो जाएगा, हम नहीं पहुंच पाएंगे। अच्छे काम में वादा नहीं काम करना चाहिए।
थोड़े समय के लिए दुनिया से हटो, भूलो, आपका कुछ नहीं बिगड़ेगा
आपको गुरु महाराज से यह प्रार्थना करनी चाहिए कि गुरु महाराज हमको अपने भंडारे में बुला लो। अपने हाथ से हम प्रसाद ले लें, पूजन में शरीक हो जाएं, आपके बताए हुए आपके गुलाम जिनको आपने कुछ सुनाने का, नामदान देने का अधिकार दिया है, उनके (पूज्य महाराज जी) मुख से आप की महिमा का दो शब्द हम सुन ले। आने वालों का कुछ नहीं बिगड़ेगा, गुरु महाराज भला करेंगे, देवी-देवता, जिनको मददगार कहा जा सकता है, वे भी मदद करेंगे। विश्वास रखो। इसलिए आपको केवल संकल्प बनाने की जरूरत है। खीचेंगे गुरु महाराज। अंदर से इच्छा प्रार्थना करो, विघ्न बाधा हमारे सामने हैं आप हमारे ऊपर दया करो, विघ्न बाधा को हटाओ। संकल्प बनाओगे हमको पहुंचना है तो सारी बाधाएं हटती हैं। यह करके आप देख लो। आप लोग करो तैयारी। आपको निमंत्रण दिया जा रहा है। अब ऐसा समय आपको शायद ही मिले। लेकिन जब कोई माध्यम बनता है, इसी बहाने समय निकाल लिया जाता है। कोशिश करो।
जो इच्छा लेकर आओगे, भाव भक्ति के अनुसार होगी पूरी, पुड़िया तो बंध ही जाएगी, मौके पर काम आएगी
हमको यह विश्वास है कि आप खाली हाथ नहीं जाओगे। गुरु महाराज आपको कुछ न कुछ देंगे ही। भाव भक्ति के अनुसार आपकी इच्छा पूरी होगी। और जो लोग कुछ भी इच्छा लेकर नहीं आओगे उनको भी कुछ न कुछ मिल जाएगा। पुड़िया तो बंध ही जाएगी, मौके पर काम आएगी। इसलिए आपको तो चूकने की जरूरत ही नहीं है।
भंडारे के कार्यक्रम में सबको आना है, चूकने की जरूरत नहीं
हमारा भी शरीर धीरे-धीरे कमजोर हो रहा है। अधिकांश देशों में (जहां आप लोग, संगत है) मैं गया हूँ। विदेश यात्रा अब मुश्किल हो रही है। भारत देश में दौरा, मुलाकात, सतसंग हो भी सकता है लेकिन विदेश में दर्श-पर्स बड़ा मुश्किल दिख रहा है। इसलिये यह अवसर है। आप लोगों का हाथ पैर आंख कान जब तक सही है, आप आ सकते हो तो आपको आना चाहिए, चूकने की जरूरत नहीं है।
इस कार्यक्रम में सेवा होगी, कर्मों की होगी सफाई
इसमें सेवा होगी। कैसी सेवा होती है? हाथ, पैर, आंख, कान से, यह सब होती है। सेवा से कर्म कटते है। कर्मों के चक्कर से कोई बच नहीं पाया। कर्मों में अच्छे-अच्छे लोग आ गए। इसलिए कर्मों को काटना जरूरी है। जब कर्म कटेंगे, शरीर से अच्छे कर्म होने लग जाएंगे, मन साफ हो जाएगा, मन भजन ध्यान सुमिरन में, नाम की कमाई में लगेगा तभी मनुष्य शरीर पाने का अपना काम हो पाएगा। इसलिए कर्मों को भी काटना बहुत जरूरी होता है।
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