पुखरायां, अमन यात्रा : आधुनिक नर्सिंग की जननी पलोरेंस नाइटिंगेल की याद में प्रति वर्ष 12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाता है अपने देश मे इसकी शुरुआत 1973 में भारत सरकार के परिवार कल्याण मंत्रालय ने की थी पूरी दुनिया मे नर्सेज के योगदान को याद करने और उनके प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए इंटरनेशनल नर्सेज डे मनाया जाता है समाजसेवी सुमित सचान ने अपने सम्बोधन में कहा कि किसी सेहत सम्बन्धी समस्या को ठीक करने मे डॉक्टर का काम तो महत्वपूर्ण होता ही है लेकिन नर्स के काम को भी कम नही आका जा सकता नर्स ही होती है जिसके ऊपर मरीज के उपचार की सारी जिम्मेदारी होती है इस वजह से भी यह दिन बहुत महत्व रखता है कोरोना महामारी के दौरान डॉक्टरों के साथ इन्होंने भी दिन- रात मरीजो की सेवा की थी कोरोना काल मे नर्स की भूमिका को लोगो ने अच्छे समझ लिया है नर्सों की भूमिका को नजर अंदाज नही किया जा सकता मरीजो की प्रति उनकी सेवाएं साहस और उनके सराहनीय कार्यो व उनके योगदान के लिए हम सभी को उनके प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए यह एक अच्छा अवसर है नर्स अपने पूरे ज्ञान , अनुभव, और मेहनत से एक मरीज की देखभाल करती है अतः नर्सो के काम को समझना समाज मे लोगो को इस पेशे के लिए प्रोत्साहित करना और सम्मान देना इस दिन का मुख्य उद्देश्य है।
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