उज्जैन, अमन यात्रा : समय की कारगर युक्ति जिससे जीव को मुक्ति मिल सके, उसे बताने वाले, जयगुरुदेव नाम की महिमा शक्ति गुणगान चमत्कार बताने वाले, संकट में उस सुप्रीम प्रभु से तत्काल मदद मिलने का तरीका बताने वाले, जयगुरुदेव नाम के प्रचारक, धरती के सरताज, दुःखहर्ता, संकटमोचन, अंतर्यामी इस समय के पूरे समर्थ सन्त सतगुरु उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने बुद्ध पूर्णिमा 15 मई 2022 सायंकाल बेला में उज्जैन आश्रम से दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि आप लोग जयगुरुदेव नाम की ध्वनि बोलना शुरू कर दो। जिनका भंडारा है, उनके द्वारा यह जयगुरुदेव जगाया हुआ प्रभु का नाम है। नाम कैसे जगाया जाता है? इस मृत्युलोक, जहां सबको मरना पड़ता है, के पशु-पक्षी, आदमी आदि सभी जीव उस प्रभु से, एक ही जगह से बहुत पतले तार के द्वारा जुड़े हुए हैं ।
समय के महापुरुष द्वारा प्रभु के जगाए नाम को मुसीबत में बोलने पर वह करता है तुरंत मदद-
जब महापुरुष नाम को जगाते हैं तो उस प्रभु से जोड़ देते हैं। अवतारी शक्तियां, ऋषि, मुनि, योगी, योगेश्वर, सन्त आदि सब अलग-अलग हैं। इनके नीचे उतारने का, आने का, काम करने का अलग-अलग स्थान है। तो जो जहां से जुड़ा रहता है वहां से उस समय का, मौके का जो नाम जगाता है, उसको जोड़ देता है। और उस नाम से उस समय पर जब पुकारते हैं तो वो देखता है।
जैसे हनुमान जी जैसे भगत उस समय के नाम को बोलकर अपने अंदर ताकत ले आते थे, अब इस तरह जयगुरुदेव नाम बोल कर देख लो-
जैसे देखो जो पुराने नाम हो गए, जिसको बोलने पर हनुमान जी जैसे भगत राम नाम को बोलने पर अपने अंदर ताकत ले आते थे, वह चीज अब नहीं रही। बोलते रहेंगे लेकिन वह ताकत अब नहीं आ सकती। अब इस समय पर प्रभु का जगाया हुआ पूरी ताकत वाला नाम जयगुरुदेव हैं। जैसे अन्य नाम पीछे रहे। कोई नारायण नाम बोला, कोई राधास्वामी, कृष्ण, राम आदि नाम बोला। उस समय पर सबको फायदा हुआ।
जयगुरुदेव नाम बोलने से सुख-शांति मिलेगी, भंडारा कार्यक्रम में आने की प्रेरणा पैदा होगी और आप नामदान ले लोगे-
अब इस समय आप जयगुरुदेव नाम बोल कर देख लो। मुसीबत तकलीफ में सारे नाम बोल लो, सारे नाम का जाप कर लो या कर चुके हो या कर रहे हो तो जयगुरुदेव नाम का जाप कर लो, बोलो। यह जगाया हुआ नाम है। इसको तार के द्वारा जोड़ दिया गया है उस प्रभु से। वह सुनेगा, देखेगा तो आपके ऊपर दया करेगा और आपके अंदर फिर प्रेरणा, फुरना पैदा हो जाएगी। जब आपको थोड़ी शांति, सुख मिलेगा, बीमारियों, दु:ख-तकलीफों में फायदा होगा तब आप कुछ और जानने, पाने की इच्छा रखोगे तब आपके अंदर प्रेरणा होगी। भंडारे में नामदान जब शुरू होगा और आप आ जाओगे तो आप नाम दान भी ले लोगे, नाम भी ले लोगे। वोही नाम जिसके लिए कहा है-
कलयुग केवल नाम आधारा।।
सुमिर सुमिर नर उतरहि पारा।।
वह नाम आपको मिल जाएगा। आप भव सागर से हंसते-खेलते पार हो जाओगे। वहां आपका स्थान बन जाएगा। आपको अपनी जगह, अपना घर, अपना मालिक इसी मनुष्य शरीर में दिखाई पड़ने लग जाएगा।
बाबा उमाकान्त जी महाराज के वचन-
अपने वतन, अपने मालिक के पास जाने का भी काम करना चाहिए। गुरु हाड़-मान्स के शरीर का नाम नहीं होता है। गुरु एक पावर है, एक शक्ति है।गुरु के बताये रास्ते पर चलने वाले की चिंता-फिक्र खत्म हो जाती है। मन के कहे करो मत कोई, जो गुरु कहे करो तुम सोई। सन्त के दर्शन, सतसंग व नामदान लेकर उनके बताए रास्ते पर चलने से लोक-परलोक बनता है।