डेयरियों में लग गए ताले, दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए बंद हुई योजनाएं
दूध आज हर परिवार की जरूरत है, लेकिन इसके उत्पादन में लगातार कमी आ रही है। बीते पांच सालों में उत्तर प्रदेश की अधिकतर बड़ी डेयरियों में ताले लग गए। वहीं दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कोई नई योजना भी शुरू नहीं हो सकी।
- विश्व दुग्ध दिवस के अवसर पर आयोजित हुआ सेमिनार
मुंबई, अमन यात्रा : दूध आज हर परिवार की जरूरत है, लेकिन इसके उत्पादन में लगातार कमी आ रही है। बीते पांच सालों में उत्तर प्रदेश की अधिकतर बड़ी डेयरियों में ताले लग गए। वहीं दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कोई नई योजना भी शुरू नहीं हो सकी। इससे उत्तर प्रदेश के पशुपालकों को भी निराशा ही हाथ लगी है।
यह बातें लेखक और निर्देशक विपिन अग्निहोत्री द्वारा विश्व दुग्ध दिवस के अवसर पर आयोजित सेमिनार मैं निकल कर सामने आई। इस मौके पर विपिन अग्निहोत्री ने बताया की
केवल दूध ही नहीं दूध के उत्पाद जैसे दही, छाछ, मक्खन, चीज, मावा समेत अन्य पदार्थों का हमारे भोजन में अहम योगदान है। पोषण से भरपूर इन खाद्य पदार्थों का उत्पादन कम हो रहा है और खपत बढ़ती जा रही है। लेकिन शासन और प्रशासन दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कोई प्रयास नहीं कर रहा है।
सेमिनार मैं यह बात निकल कर सामने आई की शासन द्वारा बीते पांच सालों से जहां दूध उत्पादन और पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए कोई योजना शुरू नहीं की गई है तो वहीं पूर्व में संचालित योजनाएं भी अब बंद हो चुकी हैं।