आशा व एंबुलेंस कर्मियों की लापरवाही से गई “नवजात” की जान
झींझक कस्बे में बने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के 30 शैय्या अस्पताल में आशा व एंबुलेंस कर्मियों पर लगा लापरवाही का आरोप आपको बता दें कि हुलासी पुरवा गांव में रहने वाली रागिनी पत्नी श्याम मुरारी कि प्रसव पीड़ा होने पर आशा मीना देवी को फोन कर जानकारी दी लेकिन आशा द्वारा कहा गया कि अभी समय नहीं है दर्द बढ़ने दो जिससे रागिनी देवी की हालत बिगड़ने लगी वहीं पति श्याम मुरारी द्वारा डायल 102 को सूचना दी गई लेकिन एंबुलेंस भी काफी देर से पहुंची जिससे प्रशव घर पर ही हो गया।
राहुल कुमार/झींझक : जनपद कानपुर देहात के झींझक कस्बे में बने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के 30 शैय्या अस्पताल में आशा व एंबुलेंस कर्मियों पर लगा लापरवाही का आरोप आपको बता दें कि हुलासी पुरवा गांव में रहने वाली रागिनी पत्नी श्याम मुरारी कि प्रसव पीड़ा होने पर आशा मीना देवी को फोन कर जानकारी दी लेकिन आशा द्वारा कहा गया कि अभी समय नहीं है दर्द बढ़ने दो जिससे रागिनी देवी की हालत बिगड़ने लगी वहीं पति श्याम मुरारी द्वारा डायल 102 को सूचना दी गई लेकिन एंबुलेंस भी काफी देर से पहुंची जिससे प्रशव घर पर ही हो गया। रागिनी देवी के पति ने बताया कि एंबुलेंस कर्मियों द्वारा समय पर ना पहुंचने पर उनके द्वारा आपत्ति जताई गई जिस पर एंबुलेंस कर्मी अभद्रता करने लगे जैसे ही जच्चा बच्चा को लेकर एंबुलेंस अस्पताल पहुंची तभी स्टाफ नर्स रचना ने बच्चे का उपचार शुरू किया लेकिन स्टाफ नर्स रचना ने नवजात को देखते ही मृत घोषित कर दिया जिससे परिजनों में कोहराम मच गया।
एम्बुलेंस देरी से पहुंचने पर हुई नवजात की मौत
रागिनी देवी के पति ने बताया कि डायल 102 पर सूचना देने के बाद भी एंबुलेंस काफी देर से पहुंची जिस पर मरीज को व नवजात को अस्पताल पहुंचाने में काफी देर हो चुकी थी अस्पताल पहुंचते ही स्टाफ नर्स रचना ने नवजात को देखते ही मृत घोषित कर दिया ।
आशा की लापरवाही भी आई सामने जिससे चली गई नवजात की जान
प्रसव पीड़िता रागिनी देवी के पति ने बताया कि आशा मीना देवी को सुबह करीब 9:00 बजे फोन करके जानकारी दी गई थी कि प्रसव पीड़िता रागिनी देवी को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई लेकिन आशा द्वारा कहा गया कि अभी समय नहीं है दर्द बढ़ने दो तब आएंगे जिसके बाद प्रसव पीड़िता की हालत बिगड़ने लगी आशा करीब 1 घंटे बाद पहुंची तब तक रागिनी देवी का प्रसव घर पर ही हो चुका था लेकिन बच्चे की हालत ठीक ना होने पर एंबुलेंस भी देर से पहुंची तो पीड़िता के पति ने एंबुलेंस कर्मियों से देर से आने पर एंबुलेंस कर्मी अभद्रता करने लगे सूत्रों की माने तो आशाएं प्रसव कराने के नाम पर मरीजों को अस्पताल देर से लाती हैं उसके बाद मरीजों को डरा कर प्राइवेट हॉस्पिटलों में भर्ती करा देती हैं जिससे मरीज के परिजनों की जेब पर अच्छी खासी ढीली हो जाती है। प्राइवेट हॉस्पिटलों से आशाओं का कमीशन का खेल लगातार जारी है ना तो इन्हें किसी अधिकारी का भय है ना ही मरीजों की जान की परवाह चंद रुपयों के पीछे मरीजों को ले जाते हैं प्राइवेट हॉस्पिटल जिससे प्राइवेट हॉस्पिटल संचालक मरीजों की जेबों पर जमकर लगाते हैं पलीता वही जब पत्रकारों ने आशा से पूछा कि प्रशव कहां हुआ था तो पहले तो उन्होंने बता दिया था कि एंबुलेंस में ही प्रसव हुआ है लेकिन जब सच्चाई सामने आई तो आशा भी हेराफेरी करती नजर आई दोबारा उन्होंने बताया कि प्रसव घर पर ही हो गया था।
क्या बोली स्टाफ नर्स
30 शैय्या मेटरनिटी विंग अस्पताल पर तैनात स्टाफ नर्स रचना ने बताया कि 102 एंबुलेंस से जच्चा बच्चा दोनों अस्पताल लाए गए। जैसे ही स्टाफ नर्स रचना ने नवजात को देखा वैसे ही मृत घोषित कर दिया उन्होंने दबे मुंह पर कहा आशा की लापरवाही के चलते नवजात ने दम तोड़ दिया।