जनपद के प्रतिबन्धित क्षेत्र में अवैध मत्स्य आखेट / शिकारमाही करते समय पकड़े जाने पर मत्स्य अधिनियम के तहत करें कार्यवाही: जिलाधिकारी
निदेशक मत्स्य 30प्र0 लखनऊ के निर्देशों की जानकारी देते हुए जिलाधिकारी नेहा जैन ने बताया कि 01 जून से 31 अगस्त की अवधि में फाई एवं फिंगरलिंग को पकड़ने नष्ट करने अथवा बेधने गत्स्य प्रजनन अवधि में शिकारमड़ी पर प्रतिबन्ध लगाये जाने के निर्देश दिये गये है।
कानपुर देहात,अमन यात्रा । निदेशक मत्स्य 30प्र0 लखनऊ के निर्देशों की जानकारी देते हुए जिलाधिकारी नेहा जैन ने बताया कि 01 जून से 31 अगस्त की अवधि में फाई एवं फिंगरलिंग को पकड़ने नष्ट करने अथवा बेधने गत्स्य प्रजनन अवधि में शिकारमड़ी पर प्रतिबन्ध लगाये जाने के निर्देश दिये गये है। उक्त के सम्बन्ध में प्रभावी कार्यवाही हेतु प्रतिबन्धित अवधि में नदियों में मछली एवं मत्स्य बीज की शिकारमाही पर रोक लगाने व नियंत्रित करने हेतु उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता में तहसील स्तरीय अवैध मत्स्य आखेट व मत्स्य बीज निकासी पर रोक लगाने सम्बन्धित समिति का गठन किया जाना है। उक्त तिथियों में (अवैध मत्स्य आखेट) निरीक्षण दल गठित का विवरण इस प्रकार है उपजिलाधिकारी (अकबरपुर, मैथा, भोगनीपुर, डेरापुर, सिकंदरा, रसूलाबाद अध्यक्ष है, क्षेत्राधिकारी अकबरपुर, मैथा, भोगनीपुर, डेरापुर, सिकन्दरा, रसूलाबाद सदस्य है, मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य, कानपुर देहात सदस्य है, उक्त गठित निरीक्षण दल के द्वारा सम्बन्धित तहसीलों में बहने वाली नदियाँ/जलधाराओं में 01 जून से 31 अगस्त 2022 के अवधि में फाई एवं फिंगरलिंग को पकडने नष्ट करने अथवा बेचने मत्स्य प्रजनन अवधि में शिकारमही पर प्रतिबन्ध लगायेगें। जनपद के प्रतिबन्धो क्षेत्रों में छोटे जालों से मछली तथा मछली के बच्चों की निकासी करने तथा ऐसे समस्त उपकरण जिसमें शिकारमाही सम्भव हो, द्वारा शिकार करने पर प्रतिबन्ध है।
जनपद के प्रतिबन्धित क्षेत्र में उक्त तिथियों में अवैध मत्स्य आखेट / शिकारमाही करते समय पकड़े जाने पर मत्स्य अधिनियम की धारा 6 के अन्तर्गत प्राधिकृत मत्स्य विभाग के अधिकारी तथा पुलिस उप निरीक्षक को बिना वारंट के उक्त कृत्य करने वाले व्यक्तियों को गिरफ्तार करने का अधिकार प्रदत्त है , शासनादेश सं० 225/XIIP-88-1954 दिनांक 10.03.1960 तथा शासनादेश संo 941 / XII-88-1954 दिनांक 03:10 1960 के द्वारा मत्स्य पशुपालन को अधिकारियों को अधिनियम की धारा-3 में एकमुश्त जुर्माना लगाने का प्राविधान है। जिलाधिकारी ने उक्त समिति के सदस्यों को आदेशित किया है कि शासनादेशानुसार दी गई व्यवस्था समयबद्ध कार्यवाही सम्पन्न कराना सुनिश्चित करें।