सुशील त्रिवेदी, कानपुर देहात। भारतीय जनता पार्टी कानपुर देहात आपातकाल काला दिवस के रूप में भाजपा पार्टी कार्यालय माती अकबरपुर में मनाया गया प्रदेश उपाध्यक्ष एवं एमएलसी मानवेंद्र सिंह का भव्य स्वागत किया गया।
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रदेश उपाध्यक्ष मानवेंद्र सिंह ने कहा जब सम्पूर्ण देश या किसी राज्य पर अकाल, बाहरी देशों के आक्रमण या आंतरिक प्रशासनिक अव्यवस्थता आदि की स्थिति आती है तो उस समय उस क्षेत्र की सभी राजनैतिक और प्रशासनिक शक्तियां राष्ट्रपति के हाथों में चली जाती हैं।
तब आपातकाल लगाया जाता है लेकिन 25 जून 1975 को कांग्रेस ने बिना कारण आपातकाल लगाया आपातकाल लगते ही देश से लोकतंत्र की मर्यादाएं रौंद दी गईं और मौलिक अधिकार छीन लिए गए। जिन नागरिकों ने सरकार का विरोध किया, उन्हें बिना दलील व अपील के जेल में डाला गया। इस सबका आधार बना इलाहाबाद उच्च न्यायालय का एक मुकदमा, जो ‘राज नारायण बनाम उत्तर प्रदेश’ के नाम से जाना गया। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जगमोहन लाल सिन्हा ने इस मामले में एक निर्णय दिया, जिससे तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी इतनी भयभीत हुईं कि देश पर कब्जा करने का प्रपंच रच डाला निरपराध लोगों को जेल में डाला भारतीय संविधान को छिन्न भिन्न करने का दुस्साहस किया और कोर्ट ने इस आपातकाल की घोषणा को अनुचित कृत्य का दर्जा दिया।
संजय गांधी के नेतृत्व में पूरे देश में लोगों को पकड़ कर जबरन नसबंदी कराई गई। राष्ट्रीय स्वयंसेवक सदस्यों को चुन-चुन कर जेल में डाला गया एवं उन पर अत्याचार किया गया जिससे पूरी जनता मे रोष व्याप्त हो गया और जनता ने कांग्रेसी कुर्सी छीन ली प्रदेश उपाध्यक्ष ने लोकतंत्र सेनानी का अंग वस्त्र प्रदान कर सम्मान किया लोकतंत्र सेनानी में बंसलाल कटियार संतोष धीरज बागीश मिश्रा मूलचंद सचान चंद्र किशोर सचान राजकुमार चतुर्वेदी भगवानदीन हरिशंकर महेश सिंह भदोरिया लोकतंत्र सेनानी का पुष्पमाला पहनाकर मानवेंद्र सिंह अविनाश सिंह चौहान द्वारा सम्मान किया गया जिला अध्यक्ष अविनाश सिंह चौहान ने कहा देशभर में हुए अत्याचार की कहानी शाह कमीशन की रिपोर्ट बयान करती है, लेकिन कांग्रेस की विचारधारा अपने उस कुकृत्य पर चुप है और देश में ऐसा माहौल बनाने का प्रयास कर रही है, जिससे उनका दुष्कार्य जनता भूल जाए। हम सबने अंग्रेजों के शासनकाल के रोलेट एक्ट, जिसे काला कानून भी कहा जाता है, के बारे में सुना था, मगर आपातकाल का कालखंड निश्चित रूप से उससे भी भयावह था।
इस दौरान जिला प्रभारी अशोक राजपूत विधायक पूनम संखवार निर्मला संखवार राहुल अग्निहोत्री श्याम सिंह सिसोदिया मदन पांडे चंद्र कुमार शुक्ला बबलू कटियार सौरभ मिश्रा स्वतंत्र पासवान अंशु त्रिपाठी मलखान सिंह चौहान मनोज शुक्ला रागिनी भदोरिया रेणुका सचान विकास मिश्रा बाल जी शुक्ल राकेश तिवारी आदि रहे।
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