G-4NBN9P2G16
कानपुर,अमन यात्रा । छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय में छत्रपति शाहू जी महाराज के 149वें जन्मदिवस के उपलक्ष्य में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें छत्रपति शाहू जी महाराज के वंशज, उनके प्रपौत्र संभाजी राजे छत्रपति, पूर्व राज्य सभा सांसद ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। इस अवसर पर उन्होंने छत्रपति शाहू जी महाराज के कार्यकाल के दौरान किये गये अनूठे और कल्याणकारी कार्यों का जिक्र किया तो विधवा महिलाओं के बच्चों को शिक्षा के लिए 10 लाख रूपये अपने ट्रस्ट की तरफ से सहयोग देने की घोषणा भी की। उन्होंने कोल्हापुर की शिवा जी विश्वविद्यालय और कानपुर के छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के बीच एमओयू साइन कर दोनों विश्वविद्यालयों और शहरों को आपस में जोड़ने का प्रस्ताव भी दिया।
मुख्य अतिथि संभाजी राजे ने छत्रपति शाहू जी महाराज के जीवन से कानपुर से जुड़ी एक घटना का जिक्र करते हुए बताया कि शाहू जी महाराज 102 वर्ष पहले कानपुर आये थे। तब उनके विचारों से प्रसन्न तथा प्रभावित होकर यहां कि जनता ने उन्हें राजर्षि की उपाधि दी थी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के छात्रों को शाहू जी के व्यक्तित्व से करुणा, इंसानियत तथा सहानुभूति जैसे गुणों को अपनाकर आगे बढ़ना चाहिए। स्कूल ऑफ ऑर्ट, ह्यूमैनिटीज एण्ड सोशल साइंसेज विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने फेसलेस डिजिटल स्टूडेंट सर्विसेज का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि छात्रों के हित के लिए निरंतर इस प्रकार के कार्य होते रहना चाहिए, जिससे ज्यादा से ज्यादा छात्र लाभांवित हो सके। शाहू जी की भी यही सोच थी कि वे जनकल्याण के लिए अत्यधिक कार्य कर सकें, इसलिए उन्होंने अपने शासन काल के दौरान प्राथमिक शिक्षा को अनिवार्य कर दिया था। इसके साथ ही वे अछूतों, शोषितों और वंचितों की दयनीय दशा और दिशा के प्रति हमेशा संवेदनशील रहे। उन्होंने सामाजिक बुराइयों को खत्म करने के लिए कई कठोर कदम उठाये।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने की। उन्होंने छत्रपति शाहू जी महाराज के 149वें जयंती वर्ष के अवसर पर ये घोषणा कि शाहू जी महाराज पर शोध करने वाले शोधकर्ताओं को विश्वविद्यालय की तरफ से 10,000 रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान की जायेगी। शाहू जी के बारे बताते हुए उन्होंने कहा कि छत्रपति शाहू जी महाराज एक सच्चे लोकतंत्रवादी और समाज सुधारक थे। सामाजिक परिवर्तन की दिशा में उन्होंने जो क्रांतिकारी कदम उठाए वे हमेशा स्मरणीय रहेंगे। मुख्य वक्ता अविनाश भाले, शिवाजी विश्वविद्यालय, कोल्हापुर ने कहा कि छत्रपति शाहू जी महाराज ने 1894 में कोल्हापुर राज्य की सत्ता संभाली और 1902 में पूरे राज्य में आरक्षण की शुरुआत की, जो उस समय के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था। उन्होंने बदलते समय के साथ, पिछड़ी जातियों के व्यक्तियों को नौकरियों में 50 प्रतिशत आरक्षण, विधवा पुनर्विवाह, सामाजिक समता और बराबरी का समर्थन जैसे कई समाज सुधारक निर्णय लिये। उन्होंने शाहू जी के जीवन से जुड़ी कई अनसुनी बातों का भी जिक्र करते हुए बताया कि आजाद भारत के लिए शाहू जी का शासन एक रोल मॉडल बना और आज भी उनके द्वारा चलायी गई कई योजनाएं देश में संचालित की जा रही हैं।
प्रतिकुलपति प्रो. सुधीर कुमार अवस्थी ने कहा कि छत्रपति शाहू जी महाराज जैसे महापुरुषों को स्थानों में बांटा नही जा सकता है, क्योंकि ऐसे लोग संपूर्ण जन कल्याण के हित के लिए निरंतर निस्वार्थ भाव से सेवा में लगे रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में उनके द्वारा उठाए गये क्रांतिकारी कदम समाज में हमेशा याद किये जायेंगे। इस अवसर पर सोशल साइंसेज विभाग द्वारा जातिवाद, क्षेत्रवाद तथा धर्मवाद पर आधारित नुक्कड़ नाटक का मंचन किया गया।
स्कूल ऑफ आर्ट ह्यूमैनीटिज तथा सोशल साइंस के निदेशक डॉ. पतंजलि मिश्रा ने संगोष्ठी के की रूपरेखा रखी। संचालन डॉ. मानस उपाध्याय ने किया। कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार यादव ने सभी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर प्रो. सुधांशु पाण्डिया, आयुर्वेदाचार्या डॉ. वंदना पाठक सभी संकायो के संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, शिक्षकगण, कर्मचारी तथा विद्यार्थीगण उपस्थित रहे।
राजेश कटियार,कानपुर देहात। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद से जारी अवकाश तालिका के अनुसार 17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा है।… Read More
कानपुर : सर्वोदय नगर स्थित आरटीओ कार्यालय में आज सुबह अचानक जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह के पहुँचते ही हड़कंप मच… Read More
मंगलपुर (कानपुर देहात)। मंगलवार सुबह सिकंदरा तहसील क्षेत्र के चमरौआ गांव का मजरा बलवंतपुर में एक दिल दहला देने वाली… Read More
कानपुर देहात में एक दर्दनाक घटना सामने आई है। गजनेर थाना क्षेत्र के लोदीपुर गांव में खेत में काम करते… Read More
सुप्रीम कोर्ट की ओर से शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को शिक्षकों के लिए अनिवार्य किए जाने संबंधी निर्णय पर मुख्यमंत्री… Read More
लखनऊ/ कानपुर देहात। सेवारत शिक्षकों के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनिवार्य की गई टीईटी को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने… Read More
This website uses cookies.