कविता

।। किताबों में मेरा दिल हैं बसा और मुझमें समाया एक अंश इनका ।।

अमन यात्रा

।। किताबों में मेरा दिल हैं बसा
और मुझमें समाया एक अंश इनका ।।
# एक लेखक,
एक साहित्यकार या एक रचनाकार का
दिल की गहराई से लगाव होता हैं
 किताबों और पुस्तकों के संग ।।
जब जब,कोई
रचना रची जाती हैं पन्नों पर
जो भरी होती हैं ।
जज़्बातों के रस से लबालब ।।
और पूरी करती हैं ख्वाहिश पन्नों की
 किताब में तब्दील होने में ,
मशक्कत के साथ भरकस और जबरदस्त ।।
एक एक रचना मिलकर भरती हैं
किताब के हर पन्ने को
और एक अधूरा स्वप्न पूरा करती हैं ।
रचनाकार की कई मन और मस्तिष्क में
पल रही अकांक्षों का ।
पुस्तक में मेरा दिल
और मेरे दिल का हर पन्ना रंगा
पुस्तक के रंग से ।।
हर रचना मिलकर बनती हैं ।।
सुख दुख, आमोद प्रमोद ,उत्साह और मनोरंजन
की कई जानी अनजानी
अनमोल निशानियों से ।।
                                           स्नेहा कृति

(एक साहित्यकार, पर्यावरण प्रेमी और राष्टीय सह संयोजक)

                                   कानपुर उत्तर प्रदेश
aman yatra
Author: aman yatra


Discover more from अमन यात्रा

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Related Articles

Leave a Reply

AD
Back to top button

Discover more from अमन यात्रा

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading