कानपुर देहात

पेंशनर्स को अब पेंशन की नहीं लेनी है टेंशन

पेंशनर के लिए हर साल अपना जीवन प्रमाण पत्र जमा कराने का बड़ा काम होता है। हर साल 1 नवंबर से लेकर 30 नवंबर के बीच जीवन प्रमाण पत्र जमा कराना जरूरी होता है। अगर यह प्रमाण पत्र जमा न हो तो पेंशन रुक सकती है। हालांकि 80 साल से ऊपर के पेंशनर को 1 अक्टूबर के बाद कभी भी जीवन प्रमाण पत्र जमा कराने की सुविधा मिलती है।

कानपुर देहात,अमन यात्रा : पेंशनर के लिए हर साल अपना जीवन प्रमाण पत्र जमा कराने का बड़ा काम होता है। हर साल 1 नवंबर से लेकर 30 नवंबर के बीच जीवन प्रमाण पत्र जमा कराना जरूरी होता है। अगर यह प्रमाण पत्र जमा न हो तो पेंशन रुक सकती है। हालांकि 80 साल से ऊपर के पेंशनर को 1 अक्टूबर के बाद कभी भी जीवन प्रमाण पत्र जमा कराने की सुविधा मिलती है। इस तरह ऐसे पेंशनर को अक्टूबर और नवंबर के रूप में दो महीना प्रमाण पत्र जमा कराने के लिए मिल जाता है। सरकार ने पहले की तुलना में कई तरह से जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की सुविधा दी है। अब पेंशनर को इसके लिए ज्यादा टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। पेंशनर और पारिवारिक पेंशनर भारत सरकार के “जीवन प्रमाण” पोर्टल सहित अन्य कई माध्यमों से बिना कोषागार गए अपना जीवन प्रमाण पत्र दे सकते हैं। अपर मुख्य सचिव वित्त प्रशांत त्रिवेदी ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजते हुए जीवन प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के लिए दिए गए समस्त विकल्पों को लागू कराने के निर्देश दिए हैं।
ये हैं डिजिटल माध्यमः-
पेंशनरों / पारिवारिक पेंशनरों को जीवन प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के लिए दिए गए डिजिटल विकल्पों में भारत सरकार के जीवन प्रमाण पोर्टल के अलावा “जीवन प्रमाण” ऐप, डाकघर, बैंक और जनसुविधा केंद्र तथा भारत सरकार के उमंग पोर्टल पर उपलब्ध लिंक के माध्यम से प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया जा सकता है।
डोर स्टेप सर्विस भी है:
डोर स्टेप सर्विस में बैंकों प पोस्ट आफिस की डोर स्टेप सर्विस के माध्यम से डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र कोषागार में प्रस्तुत किया जा सकता है।
विदेश में रह रहे पेंशनरों के लिए भी दिए हैं विकल्पः
प्रवासी पेंशनरों के लिए विदेश में रह रहे प्रदेश के पेंशनर व पारिवारिक पेंशनर के लिए यह व्यवस्था है कि अधिकृत एजेंट यदि मजिस्ट्रेट या नोटरी द्वारा या भारत के राजनयिक प्रतिनिधि के अधिकृत भारतीय बैंक के अधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित जीवन प्रमाण पत्र प्रस्तुत करता है तो पेंशनर की उपस्थिति अनिवार्य नहीं है।
भौतिक उपस्थिति की पुरानी व्यवस्था भी चलती रहेगी-
इसके अलावा साल में एक बार भौतिक रूप से उपस्थित होकर जीवन प्रमाण पत्र जमा किए जाने का विकल्प भी है। पेंशनर चाहे तो अपनी सुविधानुसार कोषागार व बैंक में उपस्थित होकर सक्षम अधिकारी से प्रति हस्ताक्षरित कराकर जीवन प्रमाण पत्र कोषागार / बैंक में जमा कर सकते हैं। सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों के संबंध में राज्य सरकार द्वारा आनलाइन सेवा पोर्टल शुरू किया गया है। ऐसे पेंशनर जिनके पेंशन भुगतान का आदेश इस पोर्टल के माध्यम से जारी किया गया है उन्हें इसका प्रयोग करते हुए पहले भुगतान के समय भी कोषागार में नहीं जाना पड़ेगा।
Author: aman yatra

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