सरकार के लाख प्रयासों के बावजूद भी जिले के अधिकतर सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता कमजोर
बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित विद्यालयों में गुणवत्तापरक निरीक्षण स्वास्थ्य एवं पोषण से संबंधित कार्यक्रमों में गुणवत्ता सुनिश्चित किए जाने हेतु गठित टास्क फोर्स के सदस्यों द्वारा नियमित निरीक्षण नहीं किए जा रहे हैं। शिक्षा अधिकारी स्कूलों में अपने टारगेट के अनुसार निरीक्षण नहीं कर रहे हैं।
- जनपद स्तरीय टास्क फोर्स के निरीक्षण में 4125 का लक्ष्य दिया गया था जिसके सापेक्ष मात्र 840 निरीक्षण किए गए।
- विकासखंड स्तरीय टास्क फोर्स के निरीक्षण को 17036 स्कूलों का लक्ष्य दिया गया था जिसके सापेक्ष मात्र 3335 स्कूलों का निरीक्षण किया गया।
कानपुर देहात,अमन यात्रा : बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित विद्यालयों में गुणवत्तापरक निरीक्षण स्वास्थ्य एवं पोषण से संबंधित कार्यक्रमों में गुणवत्ता सुनिश्चित किए जाने हेतु गठित टास्क फोर्स के सदस्यों द्वारा नियमित निरीक्षण नहीं किए जा रहे हैं। शिक्षा अधिकारी स्कूलों में अपने टारगेट के अनुसार निरीक्षण नहीं कर रहे हैं। इसी का नतीजा है कि सरकार के लाख प्रयासों के बावजूद भी जिले के अधिकतर सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता में सुधार नहीं हो पा रहा है। शिक्षा अधिकारी सहित अन्य सभी अधिकारियों को निरीक्षण के लिए टारगेट दिए गए हैं वहीं इन टारगेट के अनुसार निरीक्षण नहीं हो रहे हैं।अधिकारी टारगेट से आधे निरीक्षण भी नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में स्कूलों में गुणवत्ता सुधार सहित अन्य बातें कागजी साबित हो रही हैं। निशुल्क शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई उपलब्ध कराई जानी थी।
इसी के अनुसार सभी अधिकारियों को निरीक्षण के टारगेट दिए गए थे। इसके तहत जिला शिक्षा अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी, जिला समन्वयक, एआरपी, एसआरजी, डाइट मेंटर को 5-5 स्कूलों के निरीक्षण के टारगेट दिए गए थे लेकिन 7 अगस्त को जारी निरीक्षण रिपोर्ट में यह लक्ष्य काफी कम पाया गया प्रदेश भर में जनपद स्तरीय टास्क फोर्स के निरीक्षण में 4125 का लक्ष्य दिया गया था जिसके सापेक्ष मात्र 840 निरीक्षण किए गए। इसके साथ ही विकासखंड स्तरीय टास्क फोर्स के निरीक्षण को 17036 स्कूलों का लक्ष्य दिया गया था जिसके सापेक्ष मात्र 3335 स्कूलों का निरीक्षण किया गया। इसी तरह जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी, जिला समन्वयक, एआरपी एसआरजी, डाइट मेंटर द्वारा विगत माह के सापेक्ष बहुत ही कम विद्यालयों का स्थलीय निरीक्षण किया गया जिसे देखते हुए महानिदेशक विजय किरन आनंद ने समस्त जिला अधिकारियों को पत्र भेजकर विद्यालयों के सतत पर्यवेक्षण प्रभावी अनुश्रवण एवम स्थलीय निरीक्षण कराए जाने को कहा है।