आधी अधूरी तैयारियों और आपाधापी के बीच परिषदीय विद्यालयों में सत्रीय परीक्षायें शुरू
परिषदीय विद्यालयों की कक्षा एक से आठ तक की सत्रीय परीक्षाएं बुधवार से शुरू हो गई हैं। हालांकि शिक्षकों को इसकी जानकारी विद्यालय बंद होने के बाद दी गई है। अब अधिकारीगण 24 तारीख को होने वाली परीक्षा को आगे करवाए जाने की बात कह रहे हैं।
- मजाक बन गई परिषदीय स्कूलों की सत्रीय परीक्षा
कानपुर देहात,अमन यात्रा : परिषदीय विद्यालयों की कक्षा एक से आठ तक की सत्रीय परीक्षाएं बुधवार से शुरू हो गई हैं। हालांकि शिक्षकों को इसकी जानकारी विद्यालय बंद होने के बाद दी गई है। अब अधिकारीगण 24 तारीख को होने वाली परीक्षा को आगे करवाए जाने की बात कह रहे हैं। विभाग ने जल्दबाजी में गलत स्कीम जारी कर दी उसके बाद संशोधित स्कीम जारी की गई जिससे परिषदीय शिक्षकों में दो परीक्षा कार्यक्रम को लेकर असमंजस बरकरार हो गया फिर भी खानापूरी के लिए परिषदीय स्कूलों की सत्रीय परीक्षा गुरुवार से शुरू हो गई हैं। इतना ही नहीं बीआरसी स्तर पर शिक्षकों का चार दिवसीय ब्लॉक स्तरीय प्रशिक्षण भी हो रहा है जिससे कई स्कूलों में प्रधानाध्यापक ही नहीं है, वह सभी बीआरसी में प्रशिक्षण ले रहे हैं।
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कई स्कूलों में तो विद्यालय बंद न हो इसके लिए दूसरे स्कूलों से शिक्षकों को शैक्षणिक कार्य के लिए लगाया गया है। प्रशिक्षण होने की वजह से कई स्कूलों में केवल एक-एक शिक्षक ही बचे हैं। अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि एक शिक्षक पांच-पांच कक्षाओं में परीक्षा कैसे कराएंगे, वैसे भी परिषदीय विद्यालयों के प्राथमिक विद्यालयों में केवल दो ही कक्षा कक्ष बने होते हैं सभी कक्षाओं के बच्चों के प्रश्नपत्रों को भी ब्लैक बोर्ड में एक साथ नहीं लिखा जा सकता है। दो ही कमरों में पहली से कक्षा पांच तक के छात्र परीक्षा देंगे। हालांकि उच्च प्राथमिक विद्यालयों में तीन कक्षा कक्ष होते हैं इसलिए उनमें ऐसी समस्या नहीं आएगी। इतना ही नहीं अभी तक परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को सभी विषय की किताबें तक नहीं मिल पाई हैं। इस प्रकार सत्रीय परीक्षा महज मजाक बनकर रह गई है। बता दें जनपद में 1926 परिषदीय विद्यालय हैं जिनमें करीब 1.75 लाख बच्चें पंजीकृत हैं।