शिक्षक अपने महत्व को समझते हुए छात्र/छात्राओं के सर्वांगीण विकास हेतु आगे आए : सीडीओ
मुख्य विकास अधिकारी सौम्या पाण्डेय द्वारा जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान पुखरायां कानपुर देहात सभागार में आयोजित तीन दिवसीय टी0एल0एम0 निर्माण प्रशिक्षण कार्यशाला के दौरान उपस्थित प्रशिक्षकों को दिए।
- उन्होंने कहा कि पूर्व प्राथमिक शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है एवं इसमें किसी भी प्रकार से शिथिलता न बरतें।
- शिक्षक अपने-अपने विद्यालयों में मॉडल बाल वाटिका का निर्माण करें : सीडीओ सौम्या
- कायाकल्प मिशन के अंतर्गत विद्यालयों में कार्य तीव्रता से कराएं, निपुण लक्ष्य के विकास से ही बनेगा निपुण देहात:-मुख्य विकास अधिकारी
कानपुर देहात,अमन यात्रा : आज मुख्य विकास अधिकारी सौम्या पाण्डेय द्वारा जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान पुखरायां कानपुर देहात सभागार में आयोजित तीन दिवसीय टी0एल0एम0 निर्माण प्रशिक्षण कार्यशाला के दौरान उपस्थित प्रशिक्षकों को दिए। कार्यक्रम के उद्घातनोप्रांत प्रशिक्षण संस्थान में अध्यनरत छात्राओं द्वारा “बनेगा मेरा निपुण तभी ये समाज” नामक गीत गाया एवं निपुण लक्ष्य को समझाया। उन्होंने कार्यशाला को दीप प्रज्वलित कर प्रारम्भ किया। उन्होंने सभागार में निपुण लक्ष्य को परिपूर्ण करने के लक्ष्य के साथ उपस्थित शिक्षकों द्वारा लगाए गए क्राफ्ट वर्क को भी देखा जिसके द्वारा प्रारम्भ से छात्र छात्राओं में उनके आधार को मजबूती देने हेतु रचनात्मक रूप से शिक्षण कार्य किया जाता है। इस दौरान शिक्षक आलोक श्रीवास्तव, कार्यरत सुखसौरा, गरिमा सिंह चंदेल कार्यरत मैथा आदि शिक्षकों द्वारा अपने कार्यों का प्रदर्शन किया।
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तदोपरान्त मुख्य विकास अधिकारी द्वारा अपने संबोधन में कहा गया की शिक्षक अपना महत्व समझें एवं अपने शिक्षण गुणवत्ता को समझें। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला को बच्चों में स्वयं स्पर्धा उत्पन्न किये जाने एवं बच्चों के मस्तिष्क में सुद्रण विचार उत्पन्न करने व शिक्षा के क्षेत्र में उनकी बुनियाद मजबूत करने हेतु किया जाए। उन्होंने पी0पी0टी0 के माध्यम से शिक्षण क्षेत्र में शासन की संचालित योजनाओं को समझाया एवं निपुण लक्ष्य व पूर्व में संचालित प्रेरणा लक्ष्य के संबंध में जानकारी की जिसमें सभी शिक्षकों द्वारा अपनी-अपनी सोच को रखा गया जिसको मुख्य विकास अधिकारी द्वारा सराहा गया। उन्होंने कहा कि पूर्व प्राथमिक शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है एवं इसमें किसी भी प्रकार से शिथिलता न बरतें।
उन्हों अरस्तू के कथन के अनुसार सभी को कहा कि “माता पिता से बड़ा स्थान शिक्षक का होता है”। उन्होंने कहा कि शिक्षक अपने अपने विद्यालयों में मोडल बाल वाटिका का निर्माण करें। उन्होंने शिक्षक संकुल की होने वाली बैठक में ग्राम प्रधान व अन्य जन सामान्य को सम्मिलित करने के निर्देश दिए जिससे जमीनी स्तर तक बातें पहुंचें। अंत में मुख्य विकास अधिकारी द्वारा “जय हिंद, जय भारत, जय शिक्षा” के उद्बोधन से कार्यशाला को अग्रसारित किया। इस दौरान जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धी पाण्डेय, उपशिक्षा निदेशक/प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान देवेंद्र स्वरूप सचान सहित आया शिक्षक व प्रशिक्षु उपस्थित रहे।