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कानपुर देहात,अमन यात्रा : आपने अपने घर पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहरा रखा है तो अब सम्मानपूर्वक उतार लें। भारत सरकार ने 15 अगस्त की शाम तक ही तिरंगा लगाने की अनुमति दी थी।आजादी के अमृत महोत्सव के तहत केन्द्रीय गृह मंत्रालय की ओर से 13 अगस्त से 15 अगस्त तक हर घर तिरंगा फहराने के दिशा निर्देश दिए गए थे लेकिन हजारों लोगों ने 15 अगस्त के बाद भी मकानों और दुकानों से राष्ट्रीय ध्वज सम्मानपूर्वक नहीं उतारा है। बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी कारों, मोटरसाइकिलों, टैम्पों आदि वाहनों तक पर भी तिरंगा लगा रखा है। अनेक स्थानों पर लोग तिरंगा लगाकर उसे उतारना भूल तक गए हैं। कई दुकानों पर लगे तिरंगे फट गए हैं या झुक गए हैं।
थानाधिकारी को दिए निर्देश-
15 अगस्त के बाद घरों पर तिरंगा लगाना राष्ट्रीय ध्वज संहिता 2002 की अवहेलना है। फटा या झुका तिरंगा फहराना राष्ट्रीय ध्वज का अपमान है। इन्ही परिस्थितियों को देखते हुए अब जिला पुलिस ने तिरंगा सम्मानपूर्वक उतरवाने का कदम उठाना पड़ा है। जिलाधिकारी नेहा जैन के निर्देश पर सभी थाना प्रभारी राष्ट्रीय ध्वज संहिता 2002 की पालना कराएंगे। इस हेतु सभी थाना प्रभारियों को आदेश दिए गए हैं कि वे अपने अपने क्षेत्रों में निजी व सरकारी भवनों पर नियम विरूद्ध फहरा रहे राष्ट्रीय ध्वज को सम्मानपूर्वक उतरवाकर रखवाएं। यदि कोई अपने वाहनों में तिरंगा लगाए हैं तो उसका चालान करें और तिरंगे को सम्मानपूर्वक उतरवा लें।
इसलिए विशेष अवसरों पर ही फहराते हैं तिरंगा-
तिरंगे के सम्मान को लेकर बनी संहिता की आम लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं है। इसीलिए केंद्र सरकार स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस या विशेष अवसरों पर ही तिरंगा फहराने की अनुमति देती रही हैं। विशेष अवसरों पर ही अनुमति के कारण लोगों में तिरंगे के प्रति आदर का एक गहरा भाव बना रहता है। अब लोगों ने तिरंगा किसी राजनीतिक दल के झंडे की तरह ही लगा रखा है।
तिरंगे को लेकर स्पष्ट रूप से नियम कानून बने हुए हैं। इन नियमों के अधीन व्यक्ति को ध्वज फहराना और उतारना चाहिए। हर घर तिरंगा अभियान ने हर व्यक्ति को मौका दिया कि वे अपने घर पर राष्ट्रीय ध्वज फहरा सकें लेकिन ध्वज को फहराते वक्त जितना सम्मान दिया जाता है उतना ही उतारते वक्त भी दिया जाना चाहिए। तिरंगे को सम्मानपूर्वक उतारना चाहिए और उसके बाद उसे समेट कर सुरक्षित जगह रखा जाता है।
तिरंगे को समेटने का भी स्पष्ट नियम है। सबसे पहले तिरंगे को दो व्यक्ति पकड़ेंगे। उसके बाद सबसे पहले हरे रंग वाली पट्टी को मोड़ा जाएगा फिर केसरिया रंग की पट्टी को हरे रंग की पट्टी पर समेटने के बाद दोनों व्यक्ति अपनी-अपनी ओर तिरंगे को फोल्ड करेंगे। ऐसा करने पर अशोक चक्र उपर की ओर आ जाता है। इस तरह से तिरंगे को समेटना चाहिए।
तिरंगे का सम्मान सभी को करना चाहिए लेकिन यदि तिरंगा फट जाता है तो उसका निस्तारण करना बहुत ही महत्वपूर्ण है। ऐसे में यदि तिरंगा फट जाता है तो उसको एक लकड़ी के बॉक्स में पैक किया जाता है। इसके बाद तिरंगे को दफनाया जा सकता है या फिर अग्नि के हवाले किया जाता है। दोनों ही स्थिति बिल्कुल शांत जगह पर करनी चाहिए। साथ ही दफनाने या अग्नि क्रिया करने के बाद मौन रखा जाना अति आवश्यक होता है।
तिरंगे को लेकर कड़े कानूनी प्रावधान हैं। राष्ट्रगान और राष्ट्रीय ध्वज का यदि सम्मान नहीं किया जाता है तो यह दंडनीय अपराध है। भारतीय कानून में ऐसे व्यक्ति के खिलाफ कड़े कदम उठाए जा सकते हैं। इसलिए हम सभी का कर्तव्य है कि राष्ट्रध्वज का पूरा सम्मान करें। सभी लोगों को राष्ट्रीय ध्वज संहिता की पालना करते हुए तिरंगे को ससम्मान उतार लेना चाहिए।
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