स्कूलों के ऊपर बिजली के तार, खतरे में नौनिहाल, अधिकारी नहीं सुनने को तैयार
जिले में कई स्कूलों की छत या परिसर से होकर बिजली की हाईटेंशन लाइन गुजर रही है। कई स्कूल परिसरों में ट्रांसफार्मर भी रखे हुए हैं। इन तारों का करंट स्कूल में कब दौड़ जाए या इसकी चपेट में कब कौन आ जाए कुछ कहा नहीं जा सकता है। ऐसे में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।
- सरकारी स्कूलों के प्रांगण व उनके भवनों के ऊपर से निकलने वाली बिजली की हाइटेंशन लाइन को हटाए जाने के दिए निर्देश
- नौनिहालों पर संकट, स्कूलों से होकर गुजर रही हाईटेंशन लाइन
कानपुर देहात,अमन यात्रा : जिले में कई स्कूलों की छत या परिसर से होकर बिजली की हाईटेंशन लाइन गुजर रही है। कई स्कूल परिसरों में ट्रांसफार्मर भी रखे हुए हैं। इन तारों का करंट स्कूल में कब दौड़ जाए या इसकी चपेट में कब कौन आ जाए कुछ कहा नहीं जा सकता है। ऐसे में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। विभागीय अधिकारियों को कई बार स्कूलों के प्रधानाध्यापकों द्वारा इस संबंध में लिखकर दिया गया लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। विभागीय आंकड़ों की बात करें तो जनपद के सैंकड़ों स्कूलों के यह हालात हैं जहां बच्चों की जान को हर समय खतरा बना हुआ है। विभाग द्वारा हाल ही में कराए गए सर्वे में यह बात निकलकर सामने आई है।
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डेरापुर ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय विसोहा डेरापुर में विद्यालय के ऊपर से एचटी लाइन गुजरी है एवं ट्रांसफार्मर भी विद्यालय परिसर में रखा है जिसमें कई बार आग भी लग चुकी है। इस स्कूल में 106 छात्र पंजीकृत हैं। इंटरवल व पढ़ाई के बाद छात्र परिसर में खेलते भी हैं। लाइनों व ट्रांसफार्मर में अक्सर स्पार्किंग होने से हादसे का डर रहता है। प्रधानाध्यापक सुरेश राठौर ने बताया कि हमने कई बार खंड शिक्षा अधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, यहां तक की जनसुनवाई पोर्टल पर भी शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने यह भी कहा कि शिकायती पत्र बिजली विभाग के कार्यालय तक पहुंचने के बाद रद्दी की टोकरी में चला जाता है सिर्फ कागजी घोड़े दौड़ाए जाते हैं धरातल पर कोई काम नहीं होता। यह एक उदाहरण मात्र है ऐसे जनपद में सैकड़ों विद्यालय हैं जहां पर हाईटेंशन लाइन विद्यालय भवन के ऊपर से निकली हुई है एवं विद्यालय परिसर में ट्रांसफार्मर रखे हुए हैं।
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परिषदीय स्कूलों के ऊपर से गुजरी जर्जर हाईटेंशन लाइनें और परिसर में रखे ट्रांसफार्मर बच्चों के लिए कभी भी हादसे का सबब बन सकते हैं। तेज हवा चलने पर तारों में स्पार्किंग होती रहती है। बारिश का समय चल रहा है, ऐसे में स्कूल परिसर में जलभराव होने पर खतरा और बढ़ गया है लेकिन विभागीय अधिकारी समस्या के बारे में पत्राचार होने और जल्द समाधान की बात तक ही सीमित हैं जबकि बेसिक शिक्षा निदेशक शुभा सिंह ने सभी जनपदों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे परिषदीय विद्यालयों के भवनों या परिसरों के ऊपर से जा रहे हाईटेंशन विद्युत लाइन को हटवाए, अगर विद्यालय परिसर में ट्रांसफार्मर है तो उसे विद्यालय प्रांगण से बाहर कराएं तथा इसका विवरण गूगल फॉर्म के माध्यम से 25 सितंबर तक निदेशालय कार्यालय को उपलब्ध कराएं इतना सब होने के बावजूद अधिकारी सिर्फ कागजी घोड़े दौड़ा रहे हैं। विद्युत लाइनों और ट्रांसफार्मरों को हटवाने के लिए बीएसए और खंड शिक्षाधिकारियों ने कई बार बिजली विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखा लेकिन कोई हल नहीं निकला। अब बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षा निदेशक ने बीएसए को पत्र भेजकर विद्युत विभाग के अधिकारियों से संपर्क कर लाइनों को हटवाने का निर्देश दिया है।