पशु चिकित्सक डॉ. आई.ए. सिद्दीकी ने टीम के साथ लम्पी रोग का टीकाकरण किया
रूरा स्थित राजकीय पशु चिकित्सालय के पशु चिकित्सक डॉक्टर आई ए सिद्धकी ने लम्पी रोग के रोकथाम को लेकर टीम बना कर एम्बुलेंस से जाकर जगनपुर, शेखपुर, लक्ष्मणपुर आदि गांव में लंपी का टीकाकारण कराया।
ज्ञान सिंह, कानपुर देहात : कस्बा रूरा स्थित राजकीय पशु चिकित्सालय के पशु चिकित्सक डॉक्टर आई ए सिद्धकी ने लम्पी रोग के रोकथाम को लेकर टीम बना कर एम्बुलेंस से जाकर जगनपुर, शेखपुर, लक्ष्मणपुर आदि गांव में लंपी का टीकाकारण कराया। टीकाकरण टीम में रूरा राजकीय पशु चिकित्सा अधिकारी आई ए सिद्धकी पशुधन प्रसार अधिकारी अमन कुमार गौड़ पैरावेट रूप सिंह कुशवाहा वैक्सीनेटर जयवीर, जीतू, विवेक, बाल किशन, शिवम यादव आदि लोग उपस्थित रहे।डॉ आई ए सिद्धकी ने लंपी रोग के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि यह एक संक्रामक बीमारी है जो विषाणु से फैलती है।
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इसकी पहचान सर्वप्रथम जिंबाब्वे में 1929 में हुई थी।इसके बाद 1949 में साउथ अफ्रीका मैं दुधारू पशुओं में यह बीमारी पाई गई इसके बाद 2019 में भारत के उड़ीसा राज्य में इस बीमारी की पुष्टि हुई।डॉ आई ए सिद्दकी ने पशुपालकों से अपने पशुओं को इस बीमारी से बचाने के लिए इसके लक्षण व उपाय बताएं। उन्होंने बताया कि लम्पी एक विषाणु जनित चर्म रोग है इस रोग में पशुओं को तेज बुखार आंख नाक से पानी गिरना पैरों में सूजन कठोर एवं चपटी गांठ से शरीर ढक जाता है। इस बीमारी के चलते पशुओं में सांस लेने में कठिनाई बजन घटना शरीर का कमजोर होना गर्भपात व दूध कम होना आदि लक्षण होते हैं। इस बीमारी से बचाव के लिए पशुओं को सार्वजनिक चारागाह के लिए ना भेजें पशु मेला एवं प्रदर्शनी में पशुओं को ना ले जाएं बीमार एवं स्वच्छ पशुओं को एक साथ चारा पानी ना कराएं।इस रोग से प्रभावित क्षेत्रों से पशु खरीद कर न लाये। पशुओं के आसपास फिनायल व कीट नाशक दवाओं का छिड़काव करें। पशुओं को सदैव स्वच्छ पानी पिलाएं संक्रमित पशु को आवागमन प्रतिबंधित रखें।पशुओ के वाड़े व गौशाला आदि क्षेत्रों में सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव करें। इस प्रकार से इन सब नियमों से अपने पशुओं को इस बीमारी से बचा सकते हैं।