अलाभित समूह एवं दुर्बल वर्ग के बच्चों को यूनिफार्म तथा पाठ्य पुस्तकों के लिये आवंटित धनराशि के उपभोग की मांगी गई सूचना
आरटीई के अंतर्गत अलाभित समूह एवं दुर्बल वर्ग के बच्चों को यूनिफॉर्म तथा पाठ्य पुस्तकों के लिए आवंटित की गई धनराशि के उपभोग के संबंध में संयुक्त शिक्षा निदेशक (बेसिक) गणेश कुमार ने सभी जनपदों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों से जानकारी मांगी है पत्र के अनुसार 16 अक्टूबर 2022 तक यह सूचना उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं साथ ही ये भी कहा गया है की प्रथम किस्त का उपभोग प्रमाण पत्र ना देने की स्थिति द्वितीय किस्त की धनराशि निर्गत नहीं की जाएगी जिसके लिए आप स्वयं उत्तरदायी होंगे।
कानपुर देहात, अमन यात्रा : आरटीई के अंतर्गत अलाभित समूह एवं दुर्बल वर्ग के बच्चों को यूनिफॉर्म तथा पाठ्य पुस्तकों के लिए आवंटित की गई धनराशि के उपभोग के संबंध में संयुक्त शिक्षा निदेशक (बेसिक) गणेश कुमार ने सभी जनपदों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों से जानकारी मांगी है पत्र के अनुसार 16 अक्टूबर 2022 तक यह सूचना उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं साथ ही ये भी कहा गया है की प्रथम किस्त का उपभोग प्रमाण पत्र ना देने की स्थिति द्वितीय किस्त की धनराशि निर्गत नहीं की जाएगी जिसके लिए आप स्वयं उत्तरदायी होंगे। वैसे तो अभी तक राइट टु एजुकेशन (आरटीई) के तहत एडमिशन पाने वाले बच्चों की किताबें और यूनिफॉर्म निजी स्कूलों की मर्जी पर निर्भर थीं कई स्कूल वाले बच्चों के अभिभावकों से अपने विद्यालय की पुस्तकें एवं यूनिफॉर्म खरीदने के लिए कहते थे क्योंकि विद्यालय को सरकार द्वारा इसका पैसा नहीं मिलता था।
आरटीई के तहत निजी स्कूलों को 25 प्रतिशत सीटों पर आर्थिक रूप से कमजोर घरों के बच्चों को मुफ्त दाखिला देना होता है। इसके साथ ही किताबें और यूनिफॉर्म भी देनी होती हैं लेकिन 3 मार्च को आरटीई के संबंध में जो शासनादेश जारी किया गया, उसकी गाइडलाइंस में यूनिफॉर्म और किताबों का जिक्र नहीं किया गया था। ऐसे में बिना किताबों के बच्चों की पढ़ाई कैसे होगी सवाल खड़ा हो गया है फिर सरकार ने शासनादेश में संशोधन करते हुए बच्चों को पाठ्य पुस्तकों तथा यूनिफार्म के लिए धनराशि प्रेषण के लिए कहा जिसके तहत प्रथम किस्त प्रदान कर दी गई।
सरकार नहीं देती थी किताब और यूनिफॉर्म का पैसा
आरटीई के तहत जो भी एडमिशन निजी स्कूलों में होते हैं उनकी फीस शासन स्कूलों को देता है। किताबें और यूनिफॉर्म भी स्कूलों की तरफ से ही देने का नियम है लेकिन उन्हें इसका रिफंड नहीं मिलता था जिस कारण अभिभावकों को अपने जेब से यूनिफॉर्म तथा पाठ्यपुस्तक खरीदनी पड़ती थी किंतु शैक्षिक सत्र 2022-23 में प्रवेशित बच्चों के लिए पाठ पुस्तकों एवं यूनिफार्म के लिए धनराशि दी जाने लगी है।