कानपुर देहात

जिले के परिषदीय अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में शिक्षकों का टोटा

जिले में बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को अंग्रेजी विषय में तेज-तर्रार बनाने के लिए विभाग ने प्रत्येक विकासखंड से 7 प्राथमिक एवं 2 उच्च प्राथमिक विद्यालयों को अंग्रेजी माध्यम में परिवर्तित तो कर दिया पर 4 वर्ष गुजर जाने के बाद भी इन स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम के शिक्षकों को तैनात नहीं किया गया।

कानपुर देहात, अमन यात्रा : जिले में बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को अंग्रेजी विषय में तेज-तर्रार बनाने के लिए विभाग ने प्रत्येक विकासखंड से 7 प्राथमिक एवं 2 उच्च प्राथमिक विद्यालयों को अंग्रेजी माध्यम में परिवर्तित तो कर दिया पर 4 वर्ष गुजर जाने के बाद भी इन स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम के शिक्षकों को तैनात नहीं किया गया।

इसका नतीजा है कि लाखों बच्चों को नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) 2009 के मानकों के अनुरूप शिक्षा नहीं मिल पा रही। कहीं अंग्रेजी माध्यम में परिवर्तित किए गए परिषदीय स्कूलों में अंग्रेजी भाषा के योग्य शिक्षक नहीं मिले तो कहीं शिक्षकों की भर्ती ही नहीं हो पा रही।

अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में योग्य शिक्षकों की तैनाती के लिए मार्च 2019 में प्रक्रिया शुरू हुई थी लेकिन अभी तक इन स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम के शिक्षक नसीब नहीं हो सके हैं। जनपद के 52 प्राथमिक एवं 10 उच्च प्राथमिक अंग्रेजी माध्यम परिषदीय विद्यालयों में करीब 310 से अधिक शिक्षकों के चयन के लिए 25 मार्च 2019 तक आवेदन लिए गए थे। 16 मई को लिखित परीक्षा हुई। 26 जून से एक जुलाई तक उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का साक्षात्कार हुआ। 31 अगस्त और एक सितंबर 2019 को विद्यालय के विकल्प भरवाए गए। इतना ही नहीं इन स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती के लिए दो बार परीक्षा कराई गई लेकिन शिक्षकों ने अंग्रेजी माध्यम के इन स्कूलों में जाने के लिए रुचि नहीं ली और मात्र 70 शिक्षकों ने ही परीक्षा दी। शिक्षकों की संख्या पूरी न होने पर उन्हें तैनाती न दी जा सकी। उसके बाद से मामला ठंडे बस्ते में चला गया है। विभाग ने शासन के आदेश पर इन स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम इसलिए किया था कि बच्चों को अंग्रेजी विषय में तेज-तर्रार किया जा सके। मगर अधिकांश स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम के शिक्षक न पहुंचने के कारण विभाग के प्रयास धीमें हैं। हालांकि अब बीएसए आदेश मिलने के बाद अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में शिक्षकों को भेजने की बात कह रही  हैं।

बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धी पाण्डेय का कहना है कि अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के बारे में जानकारी लेकर इनमें शिक्षकों को भेजा जाएगा जिन स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं वहां पर अंग्रेजी विषय के शिक्षकों को भेजा जाएगा। बच्चों को हरहाल में अंग्रेजी विषय में तेज-तर्रार कराया जाएगा। शासन की मंशा के अनुसार कार्य किया जाएगा।

Author: aman yatra

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