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संबद्धिकरण की बीमारी महानिदेशक पर भी भारी
वर्षों से अपना स्कूल छोड़कर बेसिक शिक्षा विभाग के विकासखंडों व जिला कार्यालयों में अंदरखाने योगदान देने वाले शिक्षकों को किसी भी दशा में अन्यत्र सम्बद्ध न किए जाने की कड़ी चेतावनी दी गई थी।

- शिक्षकों का संबद्धिकरण तत्काल समाप्त करने का आदेश नहीं मानते बीएसए
अमन यात्रा , कानपुर देहात : वर्षों से अपना स्कूल छोड़कर बेसिक शिक्षा विभाग के विकासखंडों व जिला कार्यालयों में अंदरखाने योगदान देने वाले शिक्षकों को किसी भी दशा में अन्यत्र सम्बद्ध न किए जाने की कड़ी चेतावनी दी गई थी। स्कूल शिक्षा महानिदेशक ने सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर यह प्रमाणपत्र देने के निर्देश दिए थे कि जिले में कोई भी बेसिक शिक्षक अपने मूल विद्यालय के अतिरिक्त अन्य कहीं सम्बद्ध नहीं है लेकिन विभिन्न जनपदों के बेसिक शिक्षा अधिकारी महानिदेशक के आदेश को नहीं मानते हैं। बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों के संबद्धिकरण की एक बीमारी बनी हुई है जिसे महानिदेशक भी सही नहीं कर पा रहे हैं। महानिदेशक साल में करीब 4 से 5 बार संबद्धिकरण तत्काल निरस्त करने के निर्देश देते हैं पर उसका पालन एक भी बार नहीं होता है। सूत्र बताते हैं कि बीते कई सालों से लगभग प्रत्येक ब्लॉक में कुछ ऐसे शिक्षक हैं जो अपने मूल विद्यालय को छोड़कर बीआरसी में बाबूगिरी करते हैं और अधिकारियों के आगे पीछे घूमते हुए हां हजूरी करते रहते हैं।
एक बार पुन: महानिदेशक ने पत्र जारी कर निर्देशों का पालन न करने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की है। उन्होंने लिखा है कि परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों को मूल विद्यालय से हटाकर किसी कार्यालय या विद्यालय से संबद्ध करने से विभाग की प्रशासनिक व्यवस्था और मूल विद्यालय में पढ़ रहे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है। इसको देखते हुए पूर्व में संबद्धीकरण समाप्त करने के निर्देश दिए गए थे लेकिन ऐसी जानकारी मिल रही है कि कुछ जगह शिक्षकों को अब भी मूल विद्यालय से इतर संबद्ध कर रखा है। ऐसा करना न केवल नियम विरुद्ध है बल्कि शासकीय आदेशों का उल्लंघन भी है। उन्होंने सभी बीएसए को पत्र भेजकर ऐसे शिक्षकों का तत्काल संबद्धीकरण समाप्त कर सप्ताह भर में इस संबंध में सूचना मांगी हैं।
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