आपकी बात

अच्छा शिक्षक वह नहीं जो किताबी ज्ञान दे, अच्छा शिक्षक वह है जिसे हर व्यक्ति सम्मान दे

शिक्षक को आज नहीं बल्कि सदियों से गुरु माना जाता है। यह अलग बात है की वर्तमान समय में शिक्षक को लोग पहले जैसा सम्मान नहीं देते। एक अच्छे शिक्षक का कर्तव्य केवल विद्यार्थी को पढ़ाना ही नहीं बल्कि पूरे समाज में ऐसे समाज का सृजन करना है जिससे समाज अच्छे आदर्शों से प्रज्जवलित हो उठे।

आपकी बात: शिक्षक को आज नहीं बल्कि सदियों से गुरु माना जाता है। यह अलग बात है की वर्तमान समय में शिक्षक को लोग पहले जैसा सम्मान नहीं देते। एक अच्छे शिक्षक का कर्तव्य केवल विद्यार्थी को पढ़ाना ही नहीं बल्कि पूरे समाज में ऐसे समाज का सृजन करना है जिससे समाज अच्छे आदर्शों से प्रज्जवलित हो उठे।

एक आदर्श शिक्षक में निम्नवत विशेषताएं होनी चाहिए-

  1. आदर्श व्यक्तित्व : शिक्षक की जिम्मेदारी होती है राष्ट्र चरित्र का निर्माण करने हेतु बच्चों में अच्छे गुणों और शिक्षा को बढ़ावा देना। स्कूल से ही देश का भविष्य निकलता है। इसलिए जरूरी है कि प्राथमिक स्कूल का शिक्षक खुद चरित्रवान हो ताकि उसे देखकर बच्चे उसे आदर्श मानने लगे। विद्यार्थियों के ऊपर उसकी एक अमिट छाप पड़नी चाहिए। स्कूल में बच्चे सिर्फ पढ़ाई के लिए नहीं भेजे जाते हैं बिल्क इसलिए भी भेजे जाते हैं कि उनका व्यक्तित्व निर्माण हो सके वे भोंदू या संकोची बनकर ही नहीं रह जाएं।

  2. सर्वगुण संपन्न : एक शिक्षक को सिर्फ अपने ही सब्जेक्ट का ज्ञान नहीं होना चाहिए उसे स्कूल में पढ़ाए जा रहे सभी सब्जेक्ट का ज्ञान होने से साथ ही उसके सामान्य ज्ञान का स्तर ऊंचा होना चाहिए, क्योंकि आजकल के बच्चे शिक्षक से ज्यादा ज्ञान रखने लगे हैं ऐसे में अब शिक्षकों के सामने अपने विद्यार्थियों से ही चुकौति मिलने लगी है। इसीलिए ज्ञान को निरंतर अपडेट करने की जरूरत हमेशा बनी रहेगी क्योंकि आज के छात्र पहले की तुलना में कहीं ज्यादा जानते हैं। अब उनके हाथों में मोबाइल और गूगल है।

  3. आदेश नहीं निर्देश दें : एक अच्छा शिक्षका कभी भी अपने विद्यार्थियों से आदेशात्मक भाषा में बात नहीं करता बल्कि वह विनम्रतापूर्वक निर्देश देता है और जब जरूरत होती है तो वह फटकार भी प्यार से लगा देता है। उसके व्यवहार अपने विद्यार्थियों से मित्रता का होता है। शिक्षक और विद्यार्थी के बीच अनुशासन जरूरी है, लेकिन अब समय बदल गया है। अब मित्रता भी जरूरी है जिससे आपको स्टेडेंट्स को समझने और समझाने दोनों में आसानी होगी। इससे अंतर्मुखी विद्यार्थी भी खुल सकेगा और डर दूर होगा।

  4. समानता का भाव : एक अच्छा टीचर वही होता है जो अपने सभी विद्यार्थियों से समान व्यवहार करता है और सभी के आत्मविश्‍वास को बढ़ाने का कार्य करता है। कई बच्चे हैं तो दूसरे बच्चों की भांति पढ़ने में तेज नहीं होते हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं परंतु शिक्षक को उन कारणों के बारे में न सोचते हुए यह सोचना चाहिए कि आज यदि कमजोर बच्चों पर ध्यान नहीं दिया गया तो ये बच्चे भविष्य में अपने जीवन में संघर्ष ही करते रहेंगे। माता पिता भले ही ध्यान दें या नहीं लेकिन टीचर को हर बच्चों को विशेष ध्यान देना चाहिए।

  5. रोचकपूर्ण अध्यापन : शिक्षा देने का कार्य तो हर कोई शिक्षक करता है परंतु उसी शिक्षक को बच्चे जींदगीभर याद रखते हैं जो अपने कार्य को रोचकढंग से करता है। रोचकता से ही बच्चों का ध्यान पढ़ाई में लगा रहता है और वे किसी तरह के ज्ञान को जल्दी ग्रहण कर लेते हैं। हर बार कुछ नया करते रहना चाहिए। आपका प्रेजेंटेशन महत्व रखता है। इसके लिए विनोद प्रिय होना जरूरी है।

  6. अनुभव बांटे : शिक्षक का कार्य सिर्फ कोर्स की किताबें पढ़ाते रहना नहीं होता उसे अपने जीवन के अनुभव भी बांटना चाहिए। इससे आप उनके साथ बेहतर तालमेल बैठा पाएंगे। एक बेहतर शिक्षक वही होता है जो अपने विद्यार्थी को जीवन में अच्छे बुरे की पहचान, उज्ज्वल भविष्य के लिए जरूरी बातें, व्यवहार और मानवता की सीख दे।

  7. कोई विद्यार्थी अध्यापक क्यों नहीं बनना चाहता : आजकल के बच्चों से यदि पूछा जाए कि तुम क्या बनना चाहोगे तो क्लास रूम में शायद एक ही बच्चा कहे कि मैं अध्यापक बनना चाहूंगा। ऐसे बहुत से सर्वेक्षण हुए हैं जिनमें शीर्ष दस पेशों में अध्यापन आठवें-नौवें क्रम में आता है। ऐसा क्यों है यह अध्यापक को समझना चाहिए। आजकल देखा गया है कि सरकारी स्कूल और प्राइवेट स्कूल और उनके टीचरों में कितना अंतर आ गया है। अच्छे और गुणी शिक्षक मिलना मुश्किल होते जा रहे हैं। शिक्षा में अच्‍छे, प्रतिबद्ध और गुणी शिक्षकों की जरूरत है क्योंकि शिक्षा का पेशा एक ऐसा पेशा है जिस पर अन्य सभी पेशे निर्भर हैं।

  8. उदाहरण और कहानियां : अच्छा शिक्षक वह होता है जो अपनी बात को उदाहरण और कहानियों के साथ प्रस्तुत करें। इससे बच्चे जल्दी से सीख जाते हैं और लंबे समय तक याद भी रख लेते हैं।

  9. समय और अनुशासन का पाबंद : अच्छे शिक्षक को समय और अनुशासन का पाबंद रहना चाहिए क्योंकि उसे देखकर ही बच्चे भी समय से सभी कार्य करने लगते हैं और अनुशासन में रहेत हैं। वह समय पर विद्यालय में जाएं, प्रार्थना सभा में उपस्थित हो तथा क्लास प्रारंभ होते ही कक्षा में जाएं और क्लास समाप्ति के तुरंत बाद क्लास छोड़े दें। साथ ही वह अपनी छोटी छोटी हरकतों से बच्चों को अनुशासन का पाठ पढ़ाएं।

  10. आत्म-सम्मान : शिक्षक में आत्म सम्मान नहीं है तो उसे देखकर विद्यार्थी क्या सीखेंगे ? एक अच्छा और प्रभावशाली अध्यापक वह है जो विद्यार्थियों, प्रधानाध्यापक तथा अन्य के सामने किसी भी गलत बात के लिए झुकता नहीं हो। किसी प्रकार का अन्याय सहन करता नहीं हो और किसी भी गलत बात से समझौता नहीं करता है। जो अध्यापक अपने कर्तव्यों और अधिकारों के प्रति सचेत रहता है वही अपने आत्मसम्मान की रक्षा कर पाता है।
Author: AMAN YATRA

SABSE PAHLE

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