बालक की प्रथम शिक्षिका मां है जिसे ध्यान में रखकर दिनचर्या बनानी चाहिए : विजय शंकर
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला कुटुंब प्रबोधन प्रमुख विजय शंकर ने कहा है कि बालक के लिए मां प्रथम शिक्षिका है इसीलिए हमारी सरकार मातृभाषा में शिक्षा को प्राथमिकता देती है। वे नगर पंचायत मूसानगर में आरजी डी विद्या मंदिर में कुटुंब प्रबोधन के साथ-साथ मातृ संगोष्ठी के आयोजन पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।
- राम कृष्ण प्रताप और शिवाजी हमारे आदर्श
सुशील त्रिवेदी, कानपुर देहात : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला कुटुंब प्रबोधन प्रमुख विजय शंकर ने कहा है कि बालक के लिए मां प्रथम शिक्षिका है इसीलिए हमारी सरकार मातृभाषा में शिक्षा को प्राथमिकता देती है। वे नगर पंचायत मूसानगर में आरजी डी विद्या मंदिर में कुटुंब प्रबोधन के साथ-साथ मातृ संगोष्ठी के आयोजन पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। नगर पंचायत की कस्बा स्थित आरजीडी सरस्वती विद्या मंदिर में कुटुंब प्रबोधन के साथ-साथ मात्र गोष्ठी का आयोजन किया गया। विद्यालय के प्रबंधक एवं जिला कुटुंब प्रबोधन प्रमुख विजय शंकर आर्य द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम प्रारंभ किया।
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उपस्थित माताओं बहनों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा मां बालक की प्रथम शिक्षिका है इस को ध्यान में रखकर हमारी दिनचर्या हमारा रहन-सहन हमारा व्यवहार हमारे क्रियाकलाप भारतीय परंपरा से पोषित होंगे तभी हम शिवाजी महाराणा प्रताप राम और कृष्ण जैसी संताने देश को दे पाएंगे। आज अंग्रेजी अत की दौड़ में हम स्वयं भारतीय परंपराओं को भूलते जा रहे हैं। जिसके परिणाम स्वरूप परिवारों में बड़े बुजुर्गों का सम्मान एवं सेवा भाव समाप्त होता नजर आ रहा है प्राचीन परंपरा के अनुसार परिवार में बड़े बुजुर्गों का मान सम्मान एवं उनके अनुभवों का लाभ लेकर आगे बढ़ा जाता था। आज देखने में आ रहा है सम्मिलित परिवार कहीं-कहीं देखने में आ रहे हैं। एकल परिवार की परंपरा तेजी से आगे बढ़ रही है जिसके परिणाम स्वरूप बच्चों के पालन पोषण से लेकर उनके सही रखरखाव की समस्या खड़ी हो रही है। दादा दादी चाचा चाची मामा मामी बुआ फूफा आदि रिश्तो को आने वाली नवयुवक पीढ़ी विस्मित होती जा रही है।
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आप सभी उपस्थित माताओं बहनों से कहना है की अपने परिवार का वातावरण धार्मिक एवं संस्कार युक्त हो रामायण महाभारत गीता एवं महापुरुषों की जीवन गाथाएं अपने बच्चों को सुनाएं ताकि यह बच्चे आगे चलकर राष्ट्र की उन्नति में सहभागी बन सके। कार्यक्रम में मूसानगर कस्बे के साथ-साथ 10 ग्रामों से माताओं बहनों की उपस्थिति हुई। गोष्ठी में माताओं बहनों ने भी अपने विचार प्रमुखता से रखें। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खंड प्रचारक राधेश्याम जी ने अपने उद्बोधन में कहा शिवाजी जैसे राष्ट्रभक्त के निर्माण में जीजाबाई जैसी मां की आवश्यकता है। हम जब अपने बालक को बचपन से ही महापुरुषों के जीवन प्रसंग एवं भारत की प्राचीन परंपरा उसे अवगत कराएंगे तभी बालक आगे चलकर हर क्षेत्र में अग्रणी बनेगा। साथ ही भारत माता परम वैभव के शिखर पर पहुंचेगी। आयुर्वेदिक चिकित्सालय के चिकित्सक डॉ विजय प्रसाद शर्मा द्वारा गोष्टी में आई हुई माताओं बहनों को स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी दी गई साथ ही वर्तमान समय में डेंगू मलेरिया खांसी जुकाम बुखार से बचाव के उपाय बताएं। कार्यक्रम में अर्चना सिंह शीतल चौहान निष्ठा तिवारी अंशु निशिता आज लोगों ने भी अपने विचार रखें।