उत्तरप्रदेशकानपुर देहातफ्रेश न्यूजलखनऊ

परिषदीय स्कूलों के सभी बच्चों को किताबें बंटी या नहीं बीएसए को देना होगा प्रमाणपत्र

आधा शैक्षिक सत्र बीत गया लेकिन परिषदीय विद्यालयों में नि:शुल्क किताबों के वितरण का हिसाब-किताब अब तक चल ही रहा है। विभिन्न जिलों में सभी बच्चों को किताबें बांटे जाने की स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है। इसी को देखते हुए शासन के निर्देश पर बेसिक शिक्षा विभाग ने सभी बीएसए से उनके यहां शत-प्रतिशत नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकों के वितरण का शपथपत्र देने को कहा है।

अमन यात्रा, कानपुर देहात। आधा शैक्षिक सत्र बीत गया लेकिन परिषदीय विद्यालयों में नि:शुल्क किताबों के वितरण का हिसाब-किताब अब तक चल ही रहा है। विभिन्न जिलों में सभी बच्चों को किताबें बांटे जाने की स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है। इसी को देखते हुए शासन के निर्देश पर बेसिक शिक्षा विभाग ने सभी बीएसए से उनके यहां शत-प्रतिशत नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकों के वितरण का शपथपत्र देने को कहा है। अधिकारियों के अनुसार सभी जिलों में किताबों की आपूर्ति हो चुकी है।

ये भी पढ़े-  सीडीओ सौम्या ने आयुक्त महोदय के गोद लिए प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय का किया निरीक्षण, दिए निर्देश

अब सवाल यह है कि अगर सभी बच्चों को पाठ्य पुस्तकें प्रदान कर दी गई हैं तो फिर किताबों के वितरण की रिपोर्ट कई जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने अभी तक क्यों नहीं भेजी है। 54 जिलों ने अभी तक पुस्तक वितरण का ब्योरा नहीं दिया है। केवल 21 जनपदों क्रमश: मेरठ, बुलन्दशहर, गौतमबुद्ध नगर, सहारनपुर, हाथरस, कासगंज, एटा, बरेली, कौशाम्बी, सोनभद्र, लखनऊ, हरदोई, देवरिया, कुशीनगर, सिद्धार्थनगर, बिजनौर, सुलतानपुर, बहराइच, जालौन, बांदा, महोबा के बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने पुस्तक वितरण की सूचना भेजी है। इस पर पाठ्य पुस्तक अधिकारी डॉ. पवन कुमार ने नाराजगी जताते हुए संबंधित जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि पाठ्य पुस्तकों का शत प्रतिशत वितरण कराए जाने का प्रमाणपत्र 15 दिसंबर 2022 तक उपलब्ध कराएं जिससे आख्या तैयार कर शासन को उपलब्ध कराई जा सके।

AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

SABSE PAHLE


Discover more from अमन यात्रा

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Related Articles

AD
Back to top button

Discover more from अमन यात्रा

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading