कानपुर

ऑडियो और फोटोग्राफ्स से दबाव बनाने की बात से पुलिस की भूमिका पर संदेह, आत्महत्या की आशंका

कानपुर के घाटमपुर में सजेती में सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता के पिता की दूसरे दिन हादसे में मौत होने को लेकर थाना पुलिस की भूमिका संदेह के दायरे में आ गई हैं। स्वजन भी पुलिस पर पीड़िता के पिता पर दबाव बनाने का आरोप लगा रहे हैं।

कानपुर, अमन यात्रा । सजेती में दुष्कर्म पीड़िता किशोरी के पिता की मौत के बाद थाना पुलिस पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। इतना नहीं पूरे प्रकरण में पुलिस की भूमिका दबाव बनाने वाली होने का आरोप लग रहे हैं। कहा जा रहा है कि पुलिस के पास कोई वीडियो और ऑडियो क्लिप थी, जिससे पीड़िता के पिता पर दबाव बनाने का प्रयास किया जा रहा है। बेटी के चरित्र पर ही अंगुली उठाकर पिता को शर्मसार करने का प्रयास किया जा रहा था।

स्वजन को सजेती पुलिस की भूमिका पर संदेह

स्वजन के मुताबिक इस प्रकरण में सजेती पुलिस की भूमिका संदिग्ध है। घटना के बाद पीडि़ता के साथ रहे उसके चाचा के मुताबिक वह लोग बेटी को लेकर मंगलवार सुबह करीब 11 बजे थाने पहुंचे थे। थाना प्रभारी ने कहा कि थानाक्षेत्र में एक मृत्यु हो गई है, जहां शोक संवेदना व्यक्त करने उन्हें जाना है। इसके बाद वह करीब ढाई बजे वापस लौटे। वापस लौटने के बाद उन्होंने रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए कहा तो थाना प्रभारी अदालत में गवाही का बहाना बनाकर फिर चले गए।

इसके बाद शाम करीब साढ़े पांच बजे वह लौटे। तब जाकर मुकदमा दर्ज हुआ। मुकदमा दर्ज होने के बाद बेटी को मेडिकल परीक्षण के लिए कानपुर भेजा गया। रात 11 बजे तक मेडिकल प्रक्रिया चली और पुलिस अधिकारियों ने बयान लिए। यहां से वह लोग घर जाना चाहते थे, मगर थाना पुलिस आगे की कार्यवाही का हवाला देकर पीडि़त परिवार को अपने साथ सजेती ले गई। कुछ समय थाने में रोकने के बाद रात करीब ढाई बजे उन्हें मेडिकल के लिए घाटमपुर सीएचसी लाया गया।

कुछ ऑडियो और फोटोग्राफ से दबाव बनाने का आरोप

मामले में पहले टालमटोल फिर पीडि़ता की आरोपित से बातचीत की ऑडियो क्लिप और फोटोग्राफ को लेकर पीडि़त परिवार पर दबाव बनाने से पुलिस की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। हालांकि दैनिक जागरण ऑडियो क्लिप की पुष्टि नहीं करता है। आरोप है कि अब तक पुलिस ने किशोरी और आरोपित दीपू के बीच बातचीत के कुछ कथित ऑडियो, कुछ फोटोग्राफ जुटा लिए थे। इनके जरिए ही पुलिस पीडि़त परिवार पर दबाव डालने लगी कि यह मामला दुष्कर्म का नहीं बल्कि प्रेम प्रसंग का है।

दारोगा पुत्र के मोह में थाना पुलिस यह भी भूल गई कि अगर सब कुछ मर्जी से भी हुआ तो लड़की नाबालिग है और आरोपित के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा ही दज होगा। आरोप है कि कथित आडियो, फोटोग्राफ्स के जरिए सजेती पुलिस ने पीडि़त परिवार को ही आरोपित सा ठहरा दिया। साथ चली महिला सिपाहियों ने भी लड़की को झकझोरा और बुरा भला कहा। पीडि़त होने के बाद इस तरह से मानहानि एक पिता सहन नहीं कर सका और खुदकुशी कर ली। कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने आत्महत्या के दावे की पुष्टि भी की है।

AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

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