बैंक में नौकरी देने के नाम पर लाखों की ठगी करने वाले गिरोह का भण्डाफोड़
विगत कुछ दिनों से जनपद के कुछ थानों पर बैंक में पैसे लेकर फर्जी नौकरी देने के नाम पर ठगी करने की सूचना प्राप्त हो रही थी जिसके सम्बन्ध में थाना दिबियापुर में वादी की लिखित तहरीर के आधार पर मु0अ0सं0 764/22 धारा 420/406 IPC पंजीकृत किया गया था। घटना की संवेदनशीलता के दृष्टिगत पुलिस अधीक्षक औरैया द्वारा संज्ञान लेते हुए घटनाओं का शीघ्र अनावरण व अभियुक्तों की गिरफ्तारी करने के लिए थाना दिबियापुर व एसओजी/सर्विलांस/साइबर की गठित टीम को आवश्यक दिशा-निर्देश निर्गत किये गये।

- मास्टर माइन्ड सहित उसके साथी को मय भारी मात्रा में इलेक्ट्रानिक उपकरणों व फर्जी दस्तावेजों के साथ गिरफ्तार
विकास सक्सेना, औरैया। विगत कुछ दिनों से जनपद के कुछ थानों पर बैंक में पैसे लेकर फर्जी नौकरी देने के नाम पर ठगी करने की सूचना प्राप्त हो रही थी जिसके सम्बन्ध में थाना दिबियापुर में वादी की लिखित तहरीर के आधार पर मु0अ0सं0 764/22 धारा 420/406 IPC पंजीकृत किया गया था। घटना की संवेदनशीलता के दृष्टिगत पुलिस अधीक्षक औरैया द्वारा संज्ञान लेते हुए घटनाओं का शीघ्र अनावरण व अभियुक्तों की गिरफ्तारी करने के लिए थाना दिबियापुर व एसओजी/सर्विलांस/साइबर की गठित टीम को आवश्यक दिशा-निर्देश निर्गत किये गये। आपको बता दे दिनांक 17.12.2022 को वादी शीलू कुमार पुत्र कन्हैया लाल निवासी अम्बेडकर नगर मोहल्ला भवगतीगंज थाना दिबियापुर जनपद औऱैया द्वारा पुलिस अधीक्षक महोदया औरैया को लिखित तहरीर दी गयी कि कुछ माह पूर्व मुझे अद्वेत उर्फ लल्ली यादव पुत्र विश्राम सिंह यादव निवासी कुडरी का पुर्वा थाना सहायल जनपद औरैया द्वारा बताया गया कि वह डिजिटल आर्यवृत निधि लिमिटेड बैंक में ए0एस0एम0 की पोस्ट पर कार्यरत है।
जिसनें मेरी उक्त बैंक में नौकरी लगवाने के नाम पर मेरी बात फर्जी बैंक के चेयरमैन नाम मो0 असलम उर्फ राजा पुत्र मो0 सरीफ से कराया तथा मेरे सारे दस्तावेज की प्रतियां व 01 लाख 80 हजार रूपयें सिक्योरिटी डिपोजिट के नाम पर जमा करवा लिये है ।कुछ दिनों बाद क्लर्क की पोस्ट पर ज्वाइन कराकर 03 माह तक 14 हजार मासिक वेतन के रूप में दिया तथा कुछ दिनों बाद किसी अन्य ब्रांच कौंच जनपद जालौन के खुलने पर 07 अन्य इच्छुक कर्मचारियों की नियुक्ति की बात अद्वेत उर्फ लल्ली यादव ने मुझसे कही जिसपर मेरे द्वारा अपने रिस्तेदारों से बैंक में नौकरी के नाम पर प्रत्येक से सिक्योरिटी डिपोजिट के नाम पर 01 लाख 80 हजार रूपयें कुल(12 लाख 60 हजार रूपयें) जमा कर अद्वेत उर्फ लल्ली यादव को दिये गयें परन्तु बैंक के अधिकारीगणों द्वारा पैसे लेकर किसी को भी ज्वाइन नही कराया गया। जिससे मेरे रिस्तेदारों द्वारा मुझे आय-दिन फोन कर अभद्र गालियां दी जाती है।
उक्त के सम्बन्ध में थाना दिबियापुर के अन्तर्गत मु0अ0सं0 764/22 धारा 420/406/419/467/468/471 IPC व 7 बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट बनाम अद्वेत उर्फ लल्ली यादव(बैंक अधिकारी) व मो0 असलम उर्फ राजा(बैंक चेयरमैन) पंजीकृत कर विवेचना प्रारंभ की गयी। इसी प्रकार उक्त अभियुक्तगण द्वारा थाना सहायल के अन्तर्गत लोगों से नौकरी के नाम पर ठगी की गई जिसके सम्बन्ध में थाना सहायल में मु0अ0सं0 221/22 धारा 406/419/420/467/468/471 IPC पंजीकृत है।
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गठित टीम द्वारा निरन्तर इलेक्ट्रानिक व मैनुअल साक्ष्यों का संकलन किया जा रहा था जिस क्रम आज दिनांक- 22.12.2022 को रात्रि चेकिंग के दौरान मुखबिर द्वारा सूचना प्राप्त हुई कि बैंक धोखाधड़ी से सम्बन्धित अभियुक्तगण बी जी एम कालेज के पास बेला रोड के पास खड़े है इस सूचना पर गठित टीम द्वारा योजनाबद्ध तरीके से आवश्यक घेराबन्दी कर दो अभियुक्त मो0 असलम व अद्वैत यादव उर्फ लल्ली को समय करीब 01.30 बजे गिरफ्तार किया गया जिनके कब्जे से 03 अदद एन्ड्राएड मोबाइल फोन व उनकी निशादेही पर विभिन्न स्थानों से बैंक से सम्बन्धित इलेक्ट्रानिक उपकरण व फर्जी दस्तावेज आई-डी आदि बरामद कर अग्रिम आवश्यक वैधानिक कार्यवाही की गई।
गिरफ्तार अभियुक्तगणों द्वारा बताया गया कि हम लोग जनता को गुमराह करने के लिये एक फर्जी तरीके से आर्यावर्त निधि बैंक खोल रखी थी जिसकी ब्रांच जगह -2 बनाकर संचालित करते थे जिसकी एक शाखा इसी बिल्डिंग के ऊपर वाले तल पर दिवान सिंह पुत्र रघुनाथसिंह नि0 राणानगर थाना दिबियापुर औरैया के मकान मे किराए पर लेकर खोली हुयी थी जब लोगो को इसके बारे में जानकारी हुयी तो हमने सारे ब्रांचे बन्द कर दिये लेकिन फर्जी बैंक से सम्बन्धित समान अभी भी कई ब्रांचो मे रखा है जिसमें से एक बैंक ब्रांच इसी मकान के ऊपर वाले तल पर है तथा दुसरी ब्रांच कस्बा सहायल में शब्बीर खान पुत्र बरासत अली नि0 ग्राम व पोस्ट सहायल में खोली हुयी थी जिसमें अभी भी फर्जी बैंक से सम्बन्धित सचांलित करने का सामान रखा हुआ है ।
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इसी प्रकार ग्राम लहरापुर थाना क्षेत्र सहायल मे भी एक ब्रांच खोल रखी थी जिसे काफी दिन पहले बन्द कर दिया था उसका सामान यही दिबियापुर में ले आये थे एक अन्य ब्रांच कचौंसी में सत्येन्द्र प्रताप सिंह पुत्र अरविन्द कुमार के मकान मे भी खोला था लेकिन कुछ समय पहले खाली करके ज्यादातर सामान को दिबियापुर स्थित इसी ब्रांच में ले आये थे फिर भी थोडा बहुत सामान कचौंसी ब्रांच में रखा है एक अन्य ब्रांच कुदरकोट में बिनित कुमार मिश्र पुत्र बाबूराम मिश्रा के मकान में किराये पर लेकर खोले हुये थे हम लोग इन ब्राचों में काफी लोगो से नौकरी दिलाने का झांसा देकर उनसे रुपये ले लिया करते थे तथा उन्ही लोगो को ब्रान्च में फर्जी तरीके से नियुक्ति पत्र देकर नौकरी दे दिया करते थे तथा जनता से जो पैसा लेते थे उसी पैसे मे से इन लोगो को वेतन बतौर दे देते थे इन ब्राचो में फर्जी तरीके से निर्देशक के रुप में हम दोनो की पत्नी काम करती थी जिसमें दिबियापुर ब्रांच में लहरापुर तथा सहायल ब्रांच में नरगिस पत्नी असलम निवासी नई बस्ती मो0 फरीश थाना घिरोर जनपद मैनपुरी व कचौंसी व कुदरकोट ब्रांच में श्रीमती प्रगति पत्नी अद्ववेत उर्फ लल्ली य़ादव निवासी कुडरी का पुर्वा थाना सहायल औरैया काम देखती थी हम लोगो ने तमाम लोगो को गुमराह करके पैसा लेते थे जिनमें शीलू कुमार पुत्र कन्हैयालाल निवासी अम्बेडकर नगर मौहल्ला भगवतीगंज दिबियापुर औरैया तथा सुरेन्द्र पुत्र सुरेश विकास पुत्र विरेन्द्र , विशालपुत्र धर्मेन्द्र, सुमित पुत्र रामस्वरुप , अरुणपुत्र अरविन्द , अनुराग पुत्र घनश्याम , विशाल पुत्र धीरेन्द्र से एक लाख अस्सी हजार रुपये प्रत्येक से सिक्योरिटी मनी के रुप में लिये थे तथा थाना सहायल क्षेत्र में पडने वाले गाँव सम्पतपुर के विजेन्द्र पुत्र मोहनलाल तथा मंगलेश पुत्र श्रीकृष्ण एंव कु0 निशा पुत्री शिवकुमार से भी प्रत्येकसे एक लाख पचास हजार रुपये नौकरी लगवाने के लिये सिक्योरिटी डिपोजिट का झांसा देकर लिये थे तथा इसी प्रकार काफी लोग है जिनसे इसी तरीके से फर्जी नियुक्ति पत्र दिलाने का झांसा देकर पैसे लेते थे लिये हुये पैसो से हमलोग बराबर -2 बाटते थे तथा अपनी शान शौकत गाडी चार पहिया व रियासशी क्षेत्रो में प्लाट ले लिया करते थे।
तथा इन लोगो को किसी प्रकार का संदेह न हो तो फर्जी नियुक्ति पत्र तैयार करके अपनी बनायी हुयी फर्जी आर्यावर्त निधि बैंक ब्रांचो में नौकरी दे देते थे हमने अपने हर फर्जी बैंक ब्रांच में बैंक जैसा पूरा सैटअप सेट किया हुआ है ताकि हम लोगो द्वारा बनाये हुये फर्जी ब्रांच बैंक पर संदेह न हो ओर न ही उन्हे यह फर्जी बैंक ब्रांच फ्रजी जैसी लगे इसी तरह काफी लोग हमारे झांसे में फसते गये आप चाहे तो इन फर्जी बैंक ब्रांचो पर चलकर पूरा समान व सैटअप को आपके बरामद करा सकते है। जाँच मे यह भी तथ्य सामने आया कि अभियुक्त मो0 असलम उर्फ राजा के विरूद्ध पूर्व मे भी अभियोग पंजीकृत कर जेल भेजा गया था।
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