गीत

बसंत

फूलों की महक है कलियों पे निखार है। हर तरफ बसंत की बहार है।

फूलों की महक है कलियों पे निखार है।
हर तरफ बसंत की बहार है
खेतों में पीली पीली सरसों की बालियां।
फूलों से सजी हैं पेड़ों की डालियां।
कुदरत का यही तो श्रंगार है
हर तरफ बसंत की बहार है।
फूलों की महक है……
आ जाओ मेरे मन के मीत
आज सुनाएंगे तुमको गीत।
कोयल की यही पुकार है
हर तरफ बसंत की बहार है।
फूलों की महक है…..
कितने ढंग से सजाया है सब कुछ।
जिसने भी ये बनाया है सब कुछ।
कोई तो वो चित्रकार है
हर तरफ बसंत की बहार है।
फूलों की महक है कलियों पे निखार है।
गीतकार अनिल दोहरे

ABFJgakjII GmJUvVVaKN

Share
Published by
ABFJgakjII GmJUvVVaKN

Recent Posts

“शिकायतें कीं, चिट्ठियाँ भेजीं… लेकिन पुलिया अब भी टूटी है”

पुखरायां कस्बा के शास्त्रीनगर मोहल्ले में मिश्रा दूध डेयरी के पास स्थित क्षतिग्रस्त पुलिया राहगीरों…

23 hours ago

प्रोजेक्ट नई किरण में आए 42 मामले,05 परिवारों में पति पत्नी खुशी खुशी साथ रहने को तैयार

कानपुर देहात के पुलिस लाइन स्थित सभागार कक्ष में रविवार को प्रोजेक्ट नई किरण की…

3 days ago

बड़ी संख्या में निरीक्षकों उपनिरीक्षकों में किया फेरबदल

पुखरायां।कानपुर देहात में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाए रखने के लिए पुलिस अधीक्षक अरविंद मिश्रा…

3 days ago

महिला संबंधी अपराध पर पुलिस की बड़ी कार्यवाही

पुखरायां।कानपुर देहात में अपराध नियंत्रण की दिशा में महिला संबंधी अपराध पर अंकुश लगाने हेतु…

2 weeks ago

This website uses cookies.