कानपुर देहातउत्तरप्रदेशफ्रेश न्यूज
डीएम-सीडीओ के मार्गदर्शन में कानपुर देहात तय करेगा बाल वाटिका से निपुणता का सफर : एसआरजी अनन्त
कानपुर देहात महोत्सव के छठे दिन स्वावलंबन शक्ति सम्मेलन में निपुण भारत मिशन के सम्बंध में प्रस्तुतीकरण देते हुए एसआरजी अनन्त त्रिवेदी ने कहा कि कानपुर देहात की जिलाधिकारी नेहा जैन और मुख्य विकास अधिकारी सौम्या पाण्डेय के मार्गदर्शन में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धि पांडेय एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी राकेश यादव के समन्वय से 2026 तक निपुण भारत मिशन में निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने का प्रयास जारी है।
अमन यात्रा, कानपुर देहात : कानपुर देहात महोत्सव के छठे दिन स्वावलंबन शक्ति सम्मेलन में निपुण भारत मिशन के सम्बंध में प्रस्तुतीकरण देते हुए एसआरजी अनन्त त्रिवेदी ने कहा कि कानपुर देहात की जिलाधिकारी नेहा जैन और मुख्य विकास अधिकारी सौम्या पाण्डेय के मार्गदर्शन में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धि पांडेय एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी राकेश यादव के समन्वय से 2026 तक निपुण भारत मिशन में निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने का प्रयास जारी है। इसके लिए उच्चाधिकारियों के मार्गदर्शन में बाल वाटिका से निपुणता की कार्य योजना पर कार्य कर रहा है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत विद्या प्रवेश कार्यक्रम के अंतर्गत प्री प्राइमरी शिक्षा पर काफी बल दिया जा रहा है 3 वर्ष 8 वर्ष की आयु में ही बच्चे के मस्तिष्क का 80 प्रतिशत विकास हो जाता है लेकिन वह विद्यालय में 6 वर्ष का होने पर प्रवेश पाता है। उसके शुरुआती 3 वर्ष में उसके मानसिक विकास के जो क्षेत्र छूट जाते हैं उनको प्राप्त कराने के लिए आईसीडीएस द्वारा चलाए जा रहे अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन कार्यक्रम एवं बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा चलाए जा रहे विद्यालय तैयारी कार्यक्रम के अंतर्गत आंगनवाड़ी के सहयोग से बेसिक शिक्षा विभाग लगातार प्रयासरत है।
ऑपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत विद्यालयों की व्यवस्थाओं को संतृप्त करने के बाद अब कोलोकेटेड आंगनवाड़ी को भी न्यूनतम संसाधनों से सुसज्जित किया जा रहा है। इस वित्तीय वर्ष में जनपद की 396 आंगनवाड़ी को शिशु डेस्क एवं फर्नीचर उपलब्ध करा दिया जाएगा साथ ही 6 विद्यालयों मैं अवस्थित आंगनवाड़ी के लिए झूले और बाला की अवधारणा पर आधारित पेंटिंग भी कराई जाएगी। आंगनवाड़ी के बच्चों के लिए प्रिंट रिच बाल वाटिका और खेल के कोने तैयार किए जा रहे हैं। ताकि बच्चे विद्यालय की ओर आकर्षित हो और उनकी उपस्थिति और ठहराव लगातार बढ़े।