उत्तरप्रदेशऔरैया

श्रीमद् भागवत कथा मनुष्य की सभी इच्छाओं को पूरा करती है

औरैया। जनपद औरैया के ग्राम शहबदिया में पंचायत भवन पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा के अन्तिम दिन गुरुवार को कथा वाचक भागवताचार्य आचार्य श्री रामकुमार अंजाना व आचार्य अनूप कुमार अंजाना ने भक्तों को कथा का रसपान कराया।

विकास सक्सेना, औरैया। जनपद औरैया के ग्राम शहबदिया में पंचायत भवन पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा के अन्तिम दिन गुरुवार को कथा वाचक भागवताचार्य आचार्य श्री रामकुमार अंजाना व आचार्य अनूप कुमार अंजाना ने भक्तों को कथा का रसपान कराया।

आचार्य ने कहा कि, श्रीमद्भागवत कथा मनुष्य की सभी इच्छाओं को पूरा करती है। यह कल्पवृक्ष के समान है। इसके लिए मनुष्य को निर्मल भाव से कथा सुनने और सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए। कथा व्यास ने कहा कि,भागवत कथा ही साक्षात कृष्ण है और जो कृष्ण है, वही साक्षात भागवत है। भागवत कथा भक्ति का मार्ग प्रस्तुत करती है। भागवत की महिमा सुनाते हुए कहा कि, पाण्डवों के स्वर्गारोहण के बाद अभिमन्यु के पुत्र परीक्षित ने शासन किया। उसके राज्य में सभी सुखी और संपन्न थे। एक बार राजा परीक्षित शिकार खेलते-खेलते बहुत दूर निकल गए। उन्हें प्यास लगी तो वे वन में स्थित एक आश्रम में चले गए। वहां उन्हें मौन अवस्था में बैठे शमीक नाम के ऋषि दिखाई दिए। राजा परीक्षित ने उनसे बात करनी चाहिए, लेकिन मौन और ध्यान में होने के कारण ऋषि ने कोई जबाव नहीं दिया। ये देखकर परीक्षित बहुत क्रोधित हुए और उन्होंने एक मरा हुआ सांप उठाकर ऋषि के गले में डाल दिया और वहां से चले गए।

 

यह बात जब शमीक ऋषि के पुत्र श्रृंगी को पता चली तो उन्होंने श्राप दिया कि आज से सात दिन बात तक्षक नाग राजा परीक्षित को डंस लेगा, जिससे उनकी मृत्यु हो जाएगी। बाद में जब शमीक ऋषि का ध्यान टूटा तो उन्हें इस घटनाक्रम का पता चला तो उन्होंने अपने पुत्र से कहा कि तुमने राजा परीक्षित को श्राप देकर अच्छा नहीं किया। वह राजा न्यायप्रिय और जनता का सेवक है। उसकी मृत्यु हो जाने से राज्य का बहुत नुकसान होगा। उसने इतना बड़ा अपराध भी नहीं किया था कि उसे इतना बड़ा शाप दिया जाए। श्रीमद्भागवत की बूंद पड़ी, उसके हृदय में आनंद ही आनंद होता है। भागवत को आत्मसात करने से ही भारतीय संस्कृति की रक्षा हो सकती है। भगवान को कहीं खोजने की जरूरत नहीं,वह हम सबके हृदय में मौजूद हैं। अगर जरूरत है तो सिर्फ महसूस करने की।श्रीमद् भागवत कथा में अन्तिम दिन बड़ी संख्या में महिला-पुरूष कथा सुनने पहुंचे। कार्यक्रम आयोजक मंजीत सिंह, सोनू परमार सहित सैंकड़ों कार्यकर्ता एवम् भक्त मौजूद रहे।

AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

SABSE PAHLE

Related Articles

AD
Back to top button