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बेसिक शिक्षा विभाग की कंपोजिट ग्रांट में भ्रष्टाचार एवं अनियमिततता का आरोप

बेसिक शिक्षा विभाग में स्कूलों के कायाकल्प के लिए भेजी गई कंपोजिट ग्रांट में किए गए भ्रष्टाचार की शिकायत विभाग के एक शिक्षक ने ही की है। बेसिक शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार की जड़ें बहुत गहरी हैं। यह कोई नया मामला नहीं है जब बेसिक शिक्षा विभाग पर भ्रष्टाचार का आरोप लग रहा है.

Story Highlights
  • वित्त एवं लेखाधिकारी ने जांच करने के लिए बीएसए को लिखा पत्र
  • शिक्षकों ने रसूलाबाद बीआरसी के सहायक लेखाकार पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप

कानपुर देहात। बेसिक शिक्षा विभाग में स्कूलों के कायाकल्प के लिए भेजी गई कंपोजिट ग्रांट में किए गए भ्रष्टाचार की शिकायत विभाग के एक शिक्षक ने ही की है। बेसिक शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार की जड़ें बहुत गहरी हैं। यह कोई नया मामला नहीं है जब बेसिक शिक्षा विभाग पर भ्रष्टाचार का आरोप लग रहा है। यह विभाग भ्रष्टाचार की जननी माना जाता है। विभाग में तैनात अफसरों की लापरवाही के चलते विभागीय दायित्वों का सही ढंग से निर्वहन न किए जाने से विभाग में भ्रष्टाचार का घुन लग रहा है। शिक्षकों द्वारा अभिलेखों में हेरफेर कर सरकारी नौकरी पाने, प्रोन्नत वेतनमान हासिल करने के खुलासों के बाद रसूलाबाद विकासखंड से अब बड़े भ्रटाचार की शिकायत आई है। रसूलाबाद विकासखंड में तैनात एक शिक्षक ने खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय रसूलाबाद में तैनात सहायक लेखाकार पर अवैध वसूली करने तथा कंपोजिट ग्रांट की धनराशि निकासी के नाम पर कमीशन की मांग करने एवं एक ही फर्म के माध्यम से कंपोजिट ग्रांट से सामग्री खरीदने का आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी और वित्त एवं लेखाधिकारी से शिकायत की है।

इससे एक ही फर्म में अधिकांश भुगतान किया जाने से केंद्रीकृत खरीद की शिकायत की गई है। जिलाधिकारी ने मामले को संज्ञान में लेकर बीएसए को पत्र लिख जांच समिति बनाकर जांच कराकर सत्यापन रिपोर्ट मांगी है। बेसिक बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात वित्त एवं लेखाधिकारी शिवा त्रिपाठी ने बीएसए को पत्र लिखकर अवगत कराया कि रसूलाबाद ब्लॉक में तैनात सहायक अध्यापक प्रदीप कुमार ने खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय रसूलाबाद में कार्यरत सहायक लेखाकार जसवीर यादव पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं।शिकायत पत्र में सहायक अध्यापक प्रदीप कुमार ने सहायक लेखाकार जसवीर पर आरोप लगाते हुए लिखा है कि शासन के द्वारा विद्यालयों को प्राप्त होने वाली कंपोजिट ग्रांट की धनराशि को नियमानुसार खर्च कर विद्यालय के संसाधनों को दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए थे लेकिन बीआरसी में तैनात सहायक लेखाकार ने अपने स्तर से कम्पोजिट ग्रांट के आईडी पासवर्ड को चेंज कर दिया तथा उसकी ओटीपी अपने ब्लॉक स्तरीय ईमेल पर मंगाकर ओटीपी देने के नाम पर दो से पांच हजार रुपए तक की वसूली की गई। वही कंपोजिट ग्रांट की धनराशि पर 18 कमीशन की भी मांग की गई। बीआरसी कार्यालय से ही कुछ फर्मों के बिल बनाकर स्कूलों को दिए गए और उसमें सहायक लेखाकार द्वारा कमीशन लिया गया जिससे शिक्षा विभाग में केंद्रीकृत फर्मों के माध्यम से सामग्री की खरीद की गई।

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सहायक लेखाकार के इस कृत्य से रसूलाबाद के शिक्षकों में व्यापक पैमाने पर आक्रोश है। वित्त एवं लेखाधिकारी ने प्राप्त उक्त शिकायत पत्र पर बीएसए को पत्र लिखकर समिति बनाकर जांच कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि स्कूल शिक्षा महानिदेशक की ओर से पूर्व में ही कंपोजिट ग्रांट की धनराशि के दुरुपयोग को रोकने के लिए खर्च की गई धनराशि के सत्यापन के निर्देश दिए थे। इसके लिए पूर्व में सत्यापन रिपोर्ट की मांग भी की गई थी लेकिन बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से कोई भी सत्यापन रिपोर्ट उपलब्ध नहीं कराई गई, इससे कहीं न कहीं दायित्व में लापरवाही और अफसरों के निर्देशों का उल्लंघन प्रतीत हो रहा है। वित्त एवं लेखाधिकारी शिवा त्रिपाठी ने बताया कि शिक्षक के द्वारा ईमेल पर शिकायती पत्र भेजा गया था जिसके आधार पर बेसिक शिक्षाधिकारी को जांच समिति बनाकर जांच कराने के लिए पत्र लिखा है। उनसे अपेक्षा की गई है कि जांच समिति बनाकर मामले की जांच करें और दोष सिद्ध होने पर संबंधित कार्मिक के विरुद्ध सख्त कार्यवाही करें ताकि पुनः ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो सके।

anas quraishi
Author: anas quraishi

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