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लखनऊ,अमन यात्रा । उत्तर प्रदेश त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए 75 जिलों में परिसीमन के बाद वर्ष 2015 की तुलना में जिला पंचायतों के 3120 वार्डों की संख्या घटकर 3051 रह गई है। गत पांच वर्षों में नगरीय निकायों के विस्तार के बाद से पंचायतों का दायरा सिमटा है। 880 ग्राम पंचायतें शहरी क्षेत्रों में विलीन हो गई हैं। परिसीमन के बाद ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत वार्डों की सूची जारी कर दी गई है।
उत्तर प्रदेश में इस बार 59,074 की बजाए 58,194 ग्राम पंचायतों में प्रधान चुने जाएंगे। ग्राम पंचायतों में वार्डों की संख्या भी 12,745 कम हो गई है। इसी क्रम में 826 ब्लाक प्रमुखों का चुनाव करने के लिए प्रदेश में 75,805 क्षेत्र पंचायत सदस्य चुने जाएंगे, जो वर्ष 2015 की तुलना में 1,996 कम होंगे। पंचायतीराज निदेशक किंजल सिंह ने बताया कि परिसीमन के बाद वर्ष 2015 की तुलना में ग्राम पंचायत वार्ड 7,44,558 से घटकर 7,31,813 रह गए हैं। इसी तरह क्षेत्र पंचायत सदस्य भी 77,801 से कम होकर 75,805 रहेंगे।
जिला पंचायत सदस्य भी 3120 की बजाए 3051 ही चुने जाएंगे। उत्तर प्रदेश में 36 जिले ऐसे भी हैं, जहां जिला पंचायत सदस्यों की संख्या में कोई बदलाव नहीं हुआ। वहीं तीन जिलों में वर्ष 2015 से अधिक सदस्य चुने जाएंगे। इसमें गोंडा में 51 की बजाए 65, मुरादाबाद में 34 की बजाए 39 तथा संभल में 27 की बजाए 35 जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित होंगे।
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