बरेली में ग्रामीणों ने बिजलीघर पर दिया धरना
मांगों को लेकर गांव बलूपुरा के ग्रामीणों ने बिजली घर पर धरना दिया। इस दौरान पहुंचे पूर्व विधायक सुल्तान बेग ग्रामीणों के समर्थन में धरने पर बैठ गए। एसडीएम ने एक सप्ताह में समस्या निदान का आश्वासन दिया तो वह उठे। ग्रामीणों ने बताया कि उनके गाव में दो ट्रासफार्मर हैं।
बरेली अमन यात्रा : मांगों को लेकर गांव बलूपुरा के ग्रामीणों ने बिजली घर पर धरना दिया। इस दौरान पहुंचे पूर्व विधायक सुल्तान बेग ग्रामीणों के समर्थन में धरने पर बैठ गए। एसडीएम ने एक सप्ताह में समस्या निदान का आश्वासन दिया तो वह उठे। ग्रामीणों ने बताया कि उनके गाव में दो ट्रासफार्मर हैं। इनमें से एक तीन महीने में पाच से छह बार खराब हो चुका है। लगातार लोवोल्टेज की समस्या बनी हुई है। आरोप लगाया कि बिजली विभाग के कर्मी हर बार ट्रासफार्मर बदले जाने के नाम पर 1500 रुपये की वसूली करते हैं। मजबूरी में मुंह मागा सुविधा शुल्क देना पड़ता है। कई बार उच्चाधिकारी व हेल्पलाइन 1912 पर फोन कर संपर्क किया, लेकिन समस्या का निदान नहीं हुआ। ग्राम प्रधान विनोद कुमार के साथ वीरपाल,अरुणकुमार,बाबूराम, जमालुद्दीन आदि सोमवार दोपहर एसडीओ कार्यालय पर पहुंचीं। इस बीच वहां पूर्व विधायक सुल्तान बेग आ गए। वह ग्रामीणों के समर्थन में धरना प्रदर्शन में बैठ गये। उनके साथ अफशन खान, जमालुद्दीन, जियालाल, लालता प्रसाद ,देवेंद्र ,ब्रह्म स्वरूप, विपिन कुमार, भानु प्रताप ,अजीत गंगवार ,मोनू आदि ग्रामीण मौजूद रहे। एसडीओ हरीओम पवार ने बताया कि ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि के लिए उच्चाधिकारियों को पत्र लिख चुके हैं। वहीं, ग्रामीणों ने पूर्व विधायक के साथ एसडीओ को ज्ञापन सौंपा। पथ प्रकाश व्यवस्था बदहाल
बरेली : गांव भुता में रोशनी का ख्वाब अंधेरे में है। ग्राम निधि योजना के तहत लगाई गई स्ट्रीट लाइटें खराब पड़ी हैं। इन्हें अभी तक ठीक नहीं किया गया है। रोशनी फैलाने के नाम पर लाखों रुपयों रुपये खर्च किए जाने के बाद भी नतीजा सिफर है। ग्राम पंचायत भुता में पथ प्रकाश व्यवस्था बदहाल है। चार साल पूर्व ग्राम निधि से गांव में स्ट्रीट लाइटें लगवाई गई थीं। दो-तीन महीनें यह लाइटें जलीं, मगर उसके बाद खराब हो गई। उम्मीद थी कि इन्हें ठीक कराया जाएगा, मगर ऐसा नहीं हुआ। शिकायत के बाद भी जिम्मेदारों ने इसकी सुध नहीं ली। ग्रामीणों का कहना है कि पूरी ग्राम पंचायत में दो-चार स्ट्रीट लाइटों को छोड़कर बाकी सब खराब हैं। ग्राम पंचायत में 90 लाइटें लगाई गई थीं। प्रत्येक लाइट की कीमत लगभग 25 सौ रुपये थी। ग्रामीणों का आरोप है कि स्ट्रीट लाइटों के नाम पर लाखों रुपये हजम कर लिए गए। इस समय लाइटें शो-पीस बनी हुई हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से मामले की जांच कराने के साथ ही लाइटों को ठीक कराए जाने की मांग की है, ताकि रात में आने जाने वालों को कोई दिक्कत न हो।