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ठुमरी और दादरा गायन शैली पर कार्यशाला प्रारम्भ
छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के संगीत विभाग में आज ठुमरी और दादरा उप-शास्त्रीय गायन शैली की कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला डॉ. शालिनी वेद त्रिपाठी, जो की संगीत के क्षेत्र में शीर्ष मुकाम हासिल कर चुकी है, के निर्देशन में आयोजित की गयी।
- सी.एस.जे.एम.यू के संगीत विभाग द्वारा आयोजित किया गया.
कानपुर,अमन यात्रा : छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के संगीत विभाग में आज ठुमरी और दादरा उप-शास्त्रीय गायन शैली की कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला डॉ. शालिनी वेद त्रिपाठी, जो की संगीत के क्षेत्र में शीर्ष मुकाम हासिल कर चुकी है, के निर्देशन में आयोजित की गयी। डॉ. शालिनी ने कहा कि ठुमरी बनारस घराने की गायन शैली है और उत्तर प्रदेश के साथ साथ से पूरी दुनिया में फैली है। यह गायन शैली अवधी, भोजपुरी तथा ब्रज भाषा से प्रेरित है।
उन्होंने कहा कि भारतीय शास्त्रीय संगीत दिन-प्रतिदिन विलुप्त होता जा रहा है। हमें इसके प्रति नयी पीढ़ी को जागरुक करना होगा ताकि हमारी पुरातन विरासत को सहेजा जा सके। कार्यशाला का उद्देश्य बताते हुए विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. रिचा मिश्रा ने कहा कि शास्त्रीय संगीत और लोकगीतों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए इसका आयोजन किया गया है।
इस कार्यशाला में कई विश्वविद्यालयों के शिक्षक, शोधार्थी और छात्र-छात्राओं ने ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से हिस्सा लिया। यह वर्कशाप आज से शुरू होकर 21 फरवरी तक दोनों माध्यमों में संचालित की जाएगी। कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष डॉ. रागिनी स्वर्णकार, शुभम वर्मा आदि की उपस्थिति भी उल्लेखनीय रही।